कोरबा। CG NEWS : एसईसीएल के दो महिला मंडल के द्वारा पिछले दिनों काफी तामझाम के साथ शुरू किए गए प्याऊ अब नमूना बनकर रह गए हैं। यहां पर ना तो पानी है और ना ही पानी देने वाले की व्यवस्था। इस स्थिति में लोगों को यहां से कोई सुविधा नहीं मिल रही है। लोग कह रहे है कि जब प्याऊ का संचालन ही नहीं करना था तो इस तरह का ढकोसला क्यों किया गया।
कोरबा में मानिकपुर पुलिस चौकी के सामने और कोतवाली के पास पियाऊ का शुभारंभ पिछले दिनों एसईसीएल महिला मंडल की ओर से कराया गया। सृष्टि और श्रद्धा नाम के महिला मंडल के बोर्ड यहां पर लगे हुए हैं इससे जाहिर होता है कि इनकी ओर से इमेज ब्रांडिंग के लिए इस प्रकार का काम किया गया। दावा किया जा रहा था कि पूरे गर्मी के मौसम में लोगों को बड़ी आसानी से यहां पर पानी मिलेगा और हम लोग पुण्य कमाएंगे। लेकिन यह पर आओ चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जैसा साबित हुए। इन स्थानों पर पहुंचने वाले लोग खुद कहते हैं कि यहां तो पानी नहीं है और ना ही पिलाने वाला अब सिर्फ नमूना बचा है।
वैसे भी बड़ी कंपनियां मैं सामाजिक सरोकार का दिखावा करने के लिए कई प्रकार के काम किए जाते हैं। इनका प्रचार प्रसार जितनी तेजी से होता है क्वालिटी वैसी होती नहीं है। जन सामान्य को सुविधा मिलना तो बहुत दूर की बात। हां यह बात जरूर है कि इस प्रकार की सेवा केदो की शुरुआत होने के दौरान फोटोग्राफी पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि इसके बहाने अपने आप को सामाजिक कार्यकर्ता साबित किया जा सके। अब जब गर्मी का मौसम चल रहा है और कोरबा में ऐसे बहुत सारे केंद्र लोगों को पानी दे पानी में अपनी भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं तो सवाल तो बनता ही है कि उनकी शुरुआत क्यों की गई थी।