रायपुर।CG NEWS : छत्तीसगढ़ में उप-स्वास्थ्य केंद्रों, हमर क्लीनिक और 10-बिस्तर वार्ड जैसे सार्वजनिक निर्माण कार्यों को पूरा हुए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन इन परियोजनाओं में लगे ठेकेदारों और श्रमिकों को अब तक उनका मेहनताना नहीं मिला है। 15 महीनों से लंबित भुगतान ने सैकड़ों ठेकेदारों और हजारों श्रमिकों को गहरे आर्थिक संकट में धकेल दिया है।
इसी पृष्ठभूमि में रायपुर में ‘छत्तीसगढ़ श्रमिक एवं ठेकेदार कल्याण मंच (CSTKM)’ का गठन हुआ है। यह मंच राज्यभर के निर्माण श्रमिकों और ठेकेदारों को एकजुट कर उनके वित्तीय अधिकारों की रक्षा और सामाजिक सम्मान की बहाली की दिशा में संगठित संघर्ष करेगा।
मुख्य मुद्दे और मंच की रणनीति
ठेकेदारों ने निर्माण कार्य के लिए अपनी जमीनें गिरवी रखीं, कर्ज लिया और निजी संसाधनों से काम पूरा किया, लेकिन भुगतान नहीं होने से वे अब ऋण के बोझ तले दबे हैं।
श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिली, जिससे उनके परिवारों के सामने भुखमरी और पलायन जैसी विकट स्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं।
मंच ने फैसला किया है कि वे RTI के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार से जवाब तलब करेंगे और न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इसके अतिरिक्त, वे इस विषय को लेकर CGMSC की प्रबंध निदेशक, राज्य के सभी 90 विधायक, 11 सांसदों के अलावा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
CSTKM अध्यक्ष विवेक अग्रवाल का बयान
> “हमने हर पत्थर को इमारत बनाया, हर सड़क को जीवनदायिनी राह बनाई, लेकिन हमें मिला क्या? सिर्फ अपमान, तिरस्कार और भुगतान का इंतजार। यह केवल भुगतान की लड़ाई नहीं, यह सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई है।”
CSTKM के गठन के साथ अब यह मुद्दा महज़ वित्तीय नहीं, बल्कि मानवाधिकार और सामाजिक न्याय से जुड़ा संघर्ष बन चुका है। मंच का लक्ष्य न केवल बकाया राशि की वसूली है, बल्कि ‘निर्माणकर्ता’ के रूप में ठेकेदारों और श्रमिकों को समाज में उचित गरिमा दिलाना भी है।