गरियाबंद। Gariaband : जिले के सभी निजी विद्यालयों को अब तय नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यालय को बोर्ड की मान्यता और पठन-पाठन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी।
- शिक्षा अधिकारी ने कहा कि विद्यालय को जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, उसका नाम मुख्य द्वार पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है। साथ ही उसी बोर्ड से संबद्ध पाठ्यपुस्तकों का उपयोग किया जाए।
- छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों को केवल राज्य शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों का ही उपयोग करना होगा। किसी भी निजी प्रकाशन की पुस्तकें चलाना प्रतिबंधित रहेगा, और पालकों को ऐसी पुस्तकों की खरीद के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
- सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में केवल एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तकों का प्रयोग अनिवार्य किया गया है।
- इसके अलावा शिक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि सत्र के अंत में जिला स्तर पर आयोजित केन्द्रीयकृत परीक्षा में सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
स्कूलों में सामग्री की बिक्री पर रोक
विद्यालय परिसर में बेल्ट, टाई, बैग, यूनिफॉर्म, जूते, नोटबुक और अन्य शैक्षणिक सामग्री की बिक्री नहीं की जा सकेगी। साथ ही पालकों को किसी विशेष दुकान से ये सामग्री खरीदने के लिए विवश नहीं किया जाएगा।
वाहन संचालन में भी स्पष्ट दिशा-निर्देश
जिन विद्यालयों में परिवहन सुविधा उपलब्ध है, वहां “न लाभ न हानि” के सिद्धांत पर वाहन संचालन किया जाएगा।
प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य
शिक्षा सत्र की शुरुआत में प्रत्येक निजी विद्यालय को अपने नोडल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवश्यक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
इस आदेश ने जिले के निजी विद्यालयों में हलचल मचा दी है। कई विद्यालय संचालकों ने नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि कुछ ने इसे लागू करने में आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया है। अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी विद्यालयों से अपील की है कि वे नियमों का पालन सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचें। इस संबंध में जाँच के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी, जो समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण करेंगी।
उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
निर्देशों की अवहेलना करने या किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित विद्यालय के विरुद्ध शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी