रायपुर। नए साल में राजधानी की सड़कों पर ई-कार की सवारी करते कई अधिकारी नजर आएंगे। ई-कार उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की कंपनी ने प्रदेश के करीब 50 विभागों को इसका प्रस्ताव दिया है। इस बार जो कार के नए मॉडल आए हैं, वो ज्यादा एवरेज देते हैं। ये कारें नए साल में ही उपलब्ध होंगी। इन कारों की यहां पर अभी डीलरशिप न होने के कारण कारें आने में विलंब हो रहा है। राजधानी की सड़कों पर अभी कुछ सरकारी अफसरों की ई-कारें दौड़ रही हैं। सबसे पहले पावर कंपनी ने तीन कारेें खरीदीं। इसके बाद चार और विभागों ने भी ये कारें ली हैं। क्रेडा ने तो एक कार नकद में खरीदी है। इसके अलावा एनआरडीए, स्मार्ट सिटी और अर्बन डेवलपमेंट ने दो-दो कारें ली हैं।
एक कार प्रदेश के मंत्री शिव डहरिया भी चला रहे हैं। इस समय जो कारें चल रही हैं, वो एक बार चार्ज होने में सौ किलोमीटर चलती हैं, लेकिन नए साल में यहां भी ऐसी कार आने वाली हैं, जो एक बार चार्ज होने पर तीन सौ से साढ़े चार सौ किलोमीटर चक चलेंगी। ईईएसएल कंपनी ने प्रदेश के करीब 50 विभागों को कारें देने का प्रस्ताव दिया है। कई विभागों की इसमें रुचि भी है। सभी को नई कार आने का इंतजार है। इसके आने के बाद जब यह तय हो जाएगा कि कितनी ईएमआई देनी होगी तो कारों की डिलवरी की जाएगी। कंपनी ने पुलिस विभाग को भी अपनी सभी पेट्रोलिंग वाली कारें बदलने का प्रस्ताव दिया है।
पुलिस विभाग ने इस प्रस्ताव को माना और ई-कारों का उपयोग किया तो पेट्रोल के लाखों रुपए की बचत होगी। केंद्र सरकार ने देशभर के सरकारी अधिकारियों के साथ मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के लिए ई-कारों का उपयोग करने पर जोर दिया है। सरकारी विभागों को ई-कारें उपलब्ध कराने के साथ देश के हर राज्य के शहरों में ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने का जिम्मा भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के ज्वाइंट वेंचर की कंपनी ईईएसएल को दिया गया है। कंपनी ने यहां पर सबसे पहले पावर कंपनी में कारें दीं। इसके बाद अन्य विभागों को भी लगातार कारें दी जा रही हैं। इन कारों के उपयोग से करोड़ों की बचत होगी। अभी जो कारें दी गई हैं, उनमें प्रति किलोमीटर एक रुपए का खर्च आता है, लेकिन अब जो नई कारें टाटा और हुंडई की लाने वाली हैं। इनमें प्रति किलोमीटर का खर्च और कम आएगा। टाटा की कार जहां 17 लाख के आस-पास आएगी, वहीं हुंडई की कार 21 लाख के आस-पास आएगी।