गरियाबंद। गरियाबंद जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की जांच के लिए गुरुवार देर रात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉक्टर गार्गी यदु ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण किया और मरीजों व उनके परिजनों से रूबरू चर्चा कर व्यवस्था और सुविधाओं की जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की शिकायत सामने आई। दरअसल अस्पताल में एक डिलीवरी में प्रीमैच्योर बेबी हुई। नवजात की स्थिति गंभीर होने के कारण शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को इमरजेंसी कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। जिसके बाद डॉक्टर गार्गी यदु डिलीवरी के दौरान स्वयं मौजूद रही। बच्चे की जांच भी की। उसे में एनआईसीयू में रखा गया। CMHO ने बताया कि शिशु रोग विशेषज्ञ को कई बार कॉल किया गया लेकिन उठाया नहीं।
निरीक्षण के दौरान अधिकारी ने वार्डों, दवा वितरण केंद्र, लैब और आपातकालीन कक्ष का दौरा किया। इस दौरान कई मरीजों ने उन्हें अच्छे से इलाज सुविधा मिलने की बात कही।।
निरीक्षण के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ गार्गी यदु ने कहा कि कई बार रात्रि समय में डॉक्टर और स्टाफ नर्स के अनुपस्थिति मिलने की शिकायत मिली थी। इसके चलते आज औचक किया। मरीजों से बातचीत कर सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान डॉक्टर और नर्स उपस्थित मिले। कुछ समय के पहली ही एक डिलीवरी भी हुई। एक प्री मैच्योर बेबी भी है। दो डिलीवरी और होनी है। जिसमें एक बच्चे को जन्मजात विकृती है।
सीएमएचओ ने कहा कि कई बार डॉक्टर और स्टाफ नर्स के अनुपस्थिति की शिकायत मिलती रहती है इसलिए अभी आगे समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहेंगे। इस दौरान डॉक्टर लक्ष्मी जांगड़े, नोडल सीकेडी डॉ सुनील रेड्डी, अस्पताल सलाहकार शंकर पटेल भी उपस्थित थे।