गरियाबंद, 20 मई 2025।
जनजातीय बाहुल्य गरियाबंद जिले के 334 गांवों में अब मूलभूत सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचेगा। केंद्र सरकार के “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत जिले के सभी चयनित गांवों में 15 से 30 जून तक विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें ग्रामीणों को शासन की 25 योजनाओं का मौके पर ही लाभ दिया जाएगा।
कलेक्टर श्री बी. एस. उइके के निर्देशन में बनाए गए कार्ययोजना के तहत विकासखंड गरियाबंद, मैनपुर, छुरा, फिंगेश्वर और देवभोग के कुल 334 गांवों में यह शिविर आयोजित किए जाएंगे। इनमें आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बीमा, श्रम पंजीयन, जाति-निवास-आय प्रमाण पत्र जैसी सेवाओं के साथ ही मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पीएम आवास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा ऋण, डेयरी, मछलीपालन, मुर्गीपालन जैसी आजीविका योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिया जाएगा।
जनभागीदारी की अपील
कलेक्टर श्री उइके ने इन शिविरों को सफल बनाने हेतु ग्रामीणों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल योजनाओं का लाभ दिलाने का माध्यम है, बल्कि गांवों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार विकास की दिशा तय करने का भी अवसर है।
संपूर्ण संतृप्तिकरण की दिशा में कदम
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री नवीन कुमार भगत ने बताया कि अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार, आजीविका, आंगनबाड़ी, मोबाइल मेडिकल यूनिट, सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं को संतृप्त करना है। इससे ग्रामीणों को अधिकारों और सुविधाओं की जमीनी स्तर पर डिलिवरी सुनिश्चित की जाएगी।
श्री भगत ने बताया कि इन शिविरों में दीर्घकालिक और तात्कालिक योजनाओं के समावेश से गांवों में अभिसरण और समग्र विकास का नया मॉडल प्रस्तुत किया जाएगा। विशेषकर युवाओं और महिलाओं को योजनाओं से जोड़ने के लिए कौशल विकास एवं स्वयं सहायता समूह आधारित प्रशिक्षण भी प्रस्तावित हैं।
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गरियाबंद जिले में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक व्यापक और ठोस पहल है, जिससे विकास की रोशनी अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकेगी।