पटना-बिहार। Bihar : बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (NMCH), जो राज्य का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। नालंदा जिले के निवासी अवधेश कुमार, जो हड्डी रोग विभाग की यूनिट 4 में बेड नंबर 55 पर भर्ती थे, के पैर को रात में सोते वक्त चूहे ने कुतर दिया। इस घटना ने अस्पताल की बदहाल स्थिति और स्वच्छता की कमी को उजागर कर दिया है।
मरीज की हालत और अस्पताल की लापरवाही अवधेश कुमार, जो हड्डी की समस्या के इलाज के लिए NMCH में भर्ती थे, ने बताया कि रात में अचानक पैर में तेज दर्द हुआ। जब उन्होंने देखा तो उनके पैर से खून निकल रहा था और चूहों ने उनके पैर को कुतर लिया था। इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि वार्ड में गंदगी और अव्यवस्था के कारण चूहे बेखौफ घूम रहे हैं।
विपक्ष ने उठाया मुद्दा, सरकार पर हमला इस घटना ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को एक बार फिर उजागर किया है। विपक्षी दलों, खासकर राजद और कांग्रेस, ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “NMCH में चूहे मरीजों को काट रहे हैं, यह बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का असली चेहरा है। नीतीश जी, अस्पतालों को सुधारें, वरना जनता जवाब मांगेगी।”
चूहों का ‘कुख्यात’ इतिहास बिहार में चूहों से जुड़ी यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी चूहे चर्चा में रहे हैं। 2017 में चूहों पर शराब पीने का आरोप लगा था, जब पुलिस ने जब्त शराब के गायब होने का कारण चूहों को बताया था। इसके अलावा, बांध काटने और 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सर्किट हाउस में काटने की घटनाएं भी सुर्खियों में रह चुकी हैं। इन घटनाओं ने बिहार प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
अस्पताल प्रशासन का जवाब और जांच के आदेश NMCH के अधीक्षक ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में नियमित सफाई होती है, लेकिन चूहों की समस्या पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, मरीज को उचित उपचार और मुआवजे का आश्वासन दिया गया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल यह घटना बिहार के सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्थिति को दर्शाती है। स्वच्छता, बुनियादी सुविधाओं और कर्मचारियों की कमी जैसे मुद्दे लंबे समय से अनसुलझे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक स्वास्थ्य बजट को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाएगा, ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी।
मरीज और जनता की मांग अवधेश कुमार के परिजनों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अस्पताल में तत्काल स्वच्छता अभियान चलाया जाए और चूहों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इस घटना ने न केवल NMCH बल्कि पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जनता अब सरकार से ठोस कार्रवाई और अस्पतालों में सुधार की उम्मीद कर रही है।