रायगढ़ । CG NEWS: शहर में नगर निगम की दुकानों में वर्षों से व्यापार कर रहे सैकड़ों किरायेदारों में इन दिनों जबरन बढ़ाए गए किराए को लेकर गहरा आक्रोश है। व्यापारियों का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन एक ऐसे अधूरे प्रस्ताव के दम पर मनमाने तरीके से किराया वसूल रहा है जिसे न तो राज्य शासन की मंजूरी प्राप्त है और न ही वैधानिक प्रक्रिया पूरी की गई है।
व्यापारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में तत्कालीन नगर परिषद ने एक बैठक में नगर निगम की दुकानों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था। परंतु व्यापारियों के अनुसार यह प्रस्ताव महज आंतरिक था, जिसे राज्य शासन की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी। न तो इसे राजपत्र में प्रकाशित किया गया और न ही इसे राज्य शासन ने अनुमोदित किया। बावजूद इसके, नगर निगम प्रशासन उसी प्रस्ताव को आधार बनाकर किराएदारों पर जबरदस्ती बढ़ा हुआ किराया थोप रहा है।किरायेदारों का कहना है कि न तो इस प्रस्ताव पर राज्य शासन से विधिवत आदेश प्राप्त हुआ है और न ही नगर निगम अधिनियम या किराया निर्धारण से संबंधित किसी संवैधानिक संशोधन के तहत इसे लागू किया गया है। फिर भी नगर निगम प्रशासन ने बिना वैधता की पुष्टि किए ही व्यापारियों से जबरन किराया वसूलना शुरू कर दिया।कई व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि निगम अधिकारी दुकानें खाली करवाने की धमकी देकर किराया वसूल रहे हैं। कुछ दुकानदारों को नोटिस थमाकर मानसिक दबाव बनाया गया, जिससे वे चाहकर भी विरोध नहीं कर पा रहे। व्यापारियों ने मांग की है कि राज्य शासन इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए और 2016 के विवादित प्रस्ताव की वैधता की समीक्षा करे। व्यापारियों की यह भी मांग है कि जबरन वसूले गए किराए को या तो वापस किया जाए या आगामी किराए में समायोजित किया जाए।