CG NEWS: कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति एक बार फिर सामने आई है। मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेड न मिलने के कारण एक डेढ़ साल की मासूम बच्ची की जान चली गई। बच्ची उल्टी-दस्त से पीड़ित थी और हालत गंभीर होने के बावजूद उसे भर्ती नहीं किया गया।
चैनपुर गांव निवासी परिजनों ने बताया कि बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर वे उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ लेकर गए, जहां केवल प्राथमिक उपचार कर दवा देकर घर भेज दिया गया। अगले दिन तबीयत और बिगड़ने पर बच्ची को फिर से सीएचसी मनेंद्रगढ़ लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया।
परिजन बच्ची को 55 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल बैकुंठपुर बस से लेकर गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने समय रहते एंबुलेंस की व्यवस्था कर बच्ची को रेफर किया होता, तो उसकी जान बच सकती थी।
जिला अस्पताल के सीएस का बयान:
बैकुंठपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आयुष जायसवाल ने मामले को गंभीर लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि यदि बच्ची की हालत गंभीर थी, तो उसे प्राथमिकता से भर्ती कर इलाज देना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि बच्ची को जो दवा दी गई, वह व्यस्कों के लिए निर्धारित थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग:
घटना के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने दोषी स्वास्थ्य अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ की ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।