भरत सिंह चौहान। बिलासपुर। CG : आजादी के 77 साल बाद में मूलभूत सुविधा के लिए तरसे ग्राम पंचायत पताईडीह, पक्की नाली, सड़क और कई मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज बनकर रह गए ग्राम पंचायत पताईडीह, छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर क्षेत्र के गांवों में कैसे पसरा बदहाली का आलम देखें पूरी रिपोर्ट.
दरअसलपुरा मामला कहीं और का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर परिक्षेत्र के मस्तूरी जनपद पंचायत के एक छोटे से गांव पताईडीह का मामला है, जहां आजादी के 77 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज बनकर रह गए ग्राम पंचायत पताईडीह, ना तो वहां पक्की सड़क हैं और ना ही पक्की नालियां। गलियों में इस तरह गंदगियों का आलम पसरा हुआ है जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे,, एक तरफ तो राज्य और केंद्र पर बैठी भाजपा की सरकार स्वच्छ एवं डिजिटल इंडिया की बात करती है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के न्यायधानी उनके इन दोनों दावों को खुली चुनौती देते नाराज अति है,, ऐसा नहीं है कि पताईडीह गांव के इन परेशानियों की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार आज मुख् दर्शक बने बैठे हैं जिसके चलते गांव के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।