धमतरी/दिल्ली। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में ‘गंगरेल जलप्रपात’ पर एक दिल दहला देने वाला नहीं, दिल हिला देने वाला ड्रामा सामने आया है। धमतरी जिले के गंगरेल बांध से रहस्यमयी तरीके से “लापता” हुआ युवक 12 दिन बाद दिल्ली की सड़कों पर हँसता-खेलता पकड़ा गया। जी हां, बिल्कुल ‘चुप चुप के’ फिल्म जैसी स्क्रिप्ट — फर्क सिर्फ इतना कि यहां कोई परेश रावल या ओम पुरी नहीं था, सिर्फ कर्ज, तनाव और काफी एक्टिंग स्किल्स।
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डूबा नहीं था… गायब हुआ था!
कवर्धा निवासी हेमंत चंद्रवंशी (30) ने 25 मई को ऐसा सीन रचा कि सबको लगा – अब तो गया!
उसने गंगरेल बांध किनारे बड़ी चालाकी से कपड़े, चप्पल और मोबाइल छोड़ दिए। पानी में उतरने का नाटक किया, और जब उसका कर्मचारी ब्रश लेने गया, तब वह बॉलीवुड स्टाइल में रफूचक्कर हो गया।
पुलिस की एंट्री और गोताखोरों का डाइविंग शो
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की टीम लगाई, पांच दिन तक बांध का कोना-कोना खंगाला गया। ड्रोन, नाव, निगरानी — सब हुआ। मगर न हेमंत मिला, न उसका कोई सुराग।
लोकेशन पकड़ाई और दिल्ली से लाइव शो
फिर पुलिस ने CID मोड ऑन किया। कॉल डिटेल्स खंगाली, मोबाइल ट्रेस किया गया। और तब सामने आया सीजन ट्विस्ट — जनाब दिल्ली में आराम से घूम रहे थे!
हेमंत ने अपने घरवालों को एक और नंबर से फोन कर कहा –
“मैं दिल्ली में हूं, कर्ज से परेशान हूं, महीनेभर बाद आऊंगा…!”
मतलब, पूरा गंगरेल हिला दिया और खुद सफदरजंग के फुटपाथ पर चाय सुड़क रहे थे।
परेशानी थी असली विलेन
पूछताछ में हेमंत ने कबूल किया कि वह आर्थिक तंगी और कर्ज से बेहद परेशान था। मौत का नाटक कर के वह नई ज़िंदगी शुरू करने के लिए भागा था। लेकिन ‘बॉलीवुड छोड़िए, यहां पुलिस की स्क्रिप्ट ज़्यादा टाइट होती है।’
अब गांव में क्या चल रहा है?
पूरा मामला गंगरेल इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। लोग कह रहे हैं –
“हम सोच रहे थे कि ये डूब गया… ये तो इंस्टाग्राम पर दिल्ली दर्शन कर रहा था!”
कुछ स्थानीय बुज़ुर्गों ने तो यहां तक कह दिया,
“हेमंत को फिल्म में देना चाहिए रोल… इतना बड़ा कलाकार!”
अब आगे क्या?
हेमंत को दिल्ली से रुद्री थाना लाया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि कहीं इसमें कोई और तो शामिल नहीं था। सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या ये सिर्फ भागने की कोशिश थी या इसके पीछे कोई और स्क्रिप्ट है?
फिल्म की तरह अंत नहीं, यहां मामला कानून के हवाले है।
हेमंत की ज़िंदगी अब पुलिस की पटकथा के हिसाब से चलेगी — और उसमें इंटरवल नहीं, सिर्फ इंटरोगेशन है।