Unheard stories of Hitler: एडोल्फ़ हिटलर (20 April 1889 – 30 April 1945) एक जर्मन शासक थे । वे “राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी” (NSDAP) के नेता थे। इस पार्टी को प्रायः “नाज़ी पार्टी” के नाम से जाना जाता है। सन् 1933 से सन् 1945 तक वह जर्मनी के शासक रहा। हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध तब हुआ, जब उसके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया। फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैण्ड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनों ने नाज़ी जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की
1918 ई॰ में उन्होंने नाज़ी दल की स्थापना की। इसके सदस्यों में यहुदी विरोधी नाजी रास्ट्रवाद कूट-कूटकर भरा था। इस दल ने यहूदियों को प्रथम विश्वयुद्ध की हार के लिए दोषी ठहराया। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब नाज़ी दल के नेता हिटलर ने अपने नफ़रत भरे भाषणों में उसे ठीक करने का आश्वासन दिया तो अनेक जर्मन नाजी इस दल के सदस्य हो गए। हिटलर ने भूमिसुधार करने, वर्साई संधि को समाप्त करने और एक विशाल नाजी जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य जनता के सामने रखा जिससे जर्मन लोग सुख से रह सकें। इस प्रकार 1922 ई. में हिटलर एक प्रभावशाली व्यक्ति हो गए। समाचारपत्रों के द्वारा हिटलर ने अपने दल के सिद्धांतों का प्रचार जनता में किया। भूरे रंग की पोशाक पहने सैनिकों की टुकड़ी तैयार की गई। 1923 ई. में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया। इसमें वे असफल रहे और जेलखाने में डाल दिए गए। वहीं उन्होंने मीन कैम्फ (“मेरा संघर्ष”) नामक अपनी आत्मकथा लिखी। इसमें नाज़ी दल के सिद्धांतों का विवेचन किया। उन्होंने लिखा कि जर्मन जाति सभी जातियों से श्रेष्ठ है। उन्हें विश्व का नेतृत्व करना चाहिए। यहूदी सदा से संस्कृति में रोड़ा अटकाते आए हैं। जर्मन लोगों को साम्राज्यविस्तार का पूर्ण अधिकार है। फ्रांस और रूस से लड़कर उन्हें जीवित रहने के लिए भूमि प्राप्ति करनी चाहिए।
1930-32 में जर्मनी में बेरोज़गारी बहुत बढ़ गई। संसद् में नाज़ी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली। जर्मनी की आर्थिक दशा बिगड़ती गई और विजयी देशों ने उसे सैनिक शक्ति बढ़ाने की अनुमति की। 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, कंम्युनिस्त दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया और राष्ट्र को नाजी बनने के लिए ललकारा। हिटलर ने डॉ॰ जोज़ेफ गोयबल्स को अपना प्रचारमंत्री नियुक्त किया। नाज़ी दल के विरोधी व्यक्तियों को जेलखानों में डाल दिया गया। कार्यकारिणी और कानून बनाने की सारी शक्तियाँ हिटलर ने अपने हाथों में ले ली। 1934 में उन्होंने अपने को सर्वोच्च न्यायाधीश घोषित कर दिया। उसी वर्ष हिंडनबर्ग की मृत्यु के पश्चात् वे राष्ट्रपति भी बन बैठे। नाज़ी दल का आतंक जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में छा गया। 1933 से 1938 तक लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई। नवयुवकों में राष्ट्रपति के आदेशों का पूर्ण रूप से पालन करने की भावना भर दी गई और जर्मन जाति का भाग्य सुधारने के लिए सारी शक्ति हिटलर ने अपने हाथ में ले ली।
एडॉल्फ हिटलर (ADOLF HITLER) ने अपनी तानाशाही हुकूमत के दौरान अकेले जर्मनी में ही लाखों की संख्या में लोगों को मौत के मुंह में धकेला, जिनमें से अधिकांश लोग यहूदी (JEWISH) थे। यहां तक कि हिटलर की क्रूरता के भय से महान जर्मन वैज्ञानिक एल्बर्ट आइंस्टीन को भी अपना देश छोड़कर अमेरिका में शरण लेनी पड़ी!
नाज़ी पार्टी (NAZI PARTY) के सरताज और द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ का बिगुल बजाने वाले कुख्यात हिटलर के भयानक अत्याचारों से तो अधिकांश लोग वाकिफ हैं ही, लेकिन उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें हैं, जिनके बारे में आज भी काफी कम लोग ही जानते हैं।
1)• आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि अपनी तानाशाही से जर्मनी में यहूदियों पर अत्याचार करने वाला हिटलर असल में वहां का मूल निवासी नहीं था। बल्कि उसका जन्म जर्मनी की सीमा से सटे ऑस्ट्रिया देश के इलाके ब्राऊनाउ एम इन (Braunau Am Inn) में 20 अप्रैल 1889 को शाम साढ़े छः बजे हुआ था।
2)• हिटलर अपने 6 भाई-बहनों में चौथे नंबर का था। सिर्फ एक बहन के अलावा, उसके सारे भाई-बहन बचपन में ही किसी-ना-किसी कारण से मारे गए। कहा जाता है, कि जब हिटलर गर्भ में था तो उसकी माँ क्लारा गर्भपात (Abortion) करवाना चाहती थी, लेकिन डॉक्टर ने उनकी जान जाने के खतरे को देखते हुए ऐसा करने से मना कर दिया।
3)• हिटलर के पिता एलॉइस बहुत ही ज़्यादा सख्त और गुस्सैल किस्म के इंसान थे। उन्होंने तीन शादियां कर रखी थी- पहली बार खुद से बहुत बड़ी उम्र की औरत के साथ तथा दूसरी व तीसरी बार अपने से बहुत छोटी उम्र की लड़कियों के साथ, जो उम्र में उनकी बेटियों के बराबर थी। हिटलर की माँ उनकी तीसरी पत्नी थी।
4)• हिटलर की माँ (क्लारा पोल्ज़) हिटलर के पिता के दूर के भाई की बेटी थी, जिस कारण बचपन में वह उन्हें अंकल कहा करती थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है हिटलर के पिता से विवाह हो जाने के काफी समय बाद तक भी वह अपनी इस आदत को न छोड़ सकी।
5)• कहा जाता है कि हिटलर के पिता का असली नाम एलॉइस सिक्लग्रबर (Alois Schicklgruber) था, जिसे उन्होंने हिटलर के जन्म से करीब 13 साल पहले एलॉइस हिटलर (Alois Hitler) में बदल दिया था। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने अपना नाम क्यों बदला!
6)• जर्मन भाषा में ‘एडॉल्फ’ का मतलब होता है-“शानदार भेड़िया”. हिटलर को अपना यह नाम शायद बहुत पसंद था तभी तो उसने अपने गुप्त ठिकानों के नाम कुछ इस तरह रखे थे- भेड़िये की गुफा (Wolfs’ Lair), भेड़िये का ऑफिस (Wolfs’ Head Quarter)
• यहां तक कि उसने अपने प्रिय जर्मन शेपर्ड कुत्ते का नाम भी वुल्फ यानी भेड़िया रखा था।
7)• ऑस्ट्रीया के ‘वाल्डवर्टल’ नामक इलाके में रहने वाले हिटलर का परिवार, कई पुश्तों से खेती-किसानी पर आश्रित था। इस इलाके के लोग उस समय काफी असभ्य व गुस्सैल किस्म के समझे जाते थे। जिस कारण यह भी माना जाता है कि हिटलर ने जर्मनी में जो कुछ भी किया उसका कुछ अंश उसके खून में ही था।
8)• हिटलर को स्कूल की लिखाई पढ़ाई बिल्कुल पसन्द नहीं थी, फिर भी उसके पिता चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर कोई सरकारी नौकरी (Civil Service) करे। लेकिन अपने पिता की इक्छा के विपरीत वह तो एक कलाकार (Painter) बनना चाहता था। इसके लिए उसने दो बार (1907 व 1908) में वियना की एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स (Academy Of Fine Arts) में दाखिला लेने का प्रयास भी किया, परन्तु दुर्भाग्य से वह दोनों ही बार असफल रहा।
9)• बचपन में एक बार हिटलर तालाब में डूब गया था, तब उसकी जान एक पादरी (Cleryman) ने बचाई थी। इस घटना के बाद से ही हिटलर की भगवान में आस्था बढ़ गयी और वह एक पादरी बनने का ख्वाब देखने लगा।
10)• हिटलर तब क्रमशः 14 और 18 साल का था जब उसके पिता-माता भगवान को प्यारे हो गए। उसके पिता की मृत्यू 1903 में फेफड़ों की बीमारी से जबकि माता का निधन 1907 में स्तन कैंसर (Breast Cancer) से हुआ।
11)• हिटलर अपनी माँ से बहुत प्रेम करता था। जिस यहूदी डॉक्टर ने अंतिम समय में उसकी माँ का इलाज किया था, उसके अनुसार उसने 50 साल के अपने करियर में कभी भी किसी व्यक्ति को इतना दुखी नहीं देखा था, जितना दुखी हिटलर अपनी माँ की मृत्यू के समय था। कहते हैं, वह अपनी माँ की कब्र पर घण्टों तक फूट-फूट कर रोया था।
12)• युवावस्था में ही अनाथ हो जाने के कारण हिटलर बेघर हो गया। कलाकार बनने का उसका सपना भी अब तक टूट चुका था। इन सभी विपत्तियों को पीछे छोड़ हिटलर ने कुछ वक्त बाद जर्मन सेना जॉइन कर ली और जर्मनी की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध (WWI) भी पूरी बहादुरी के साथ लड़ा।
13)• प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1918) के दौरान हिटलर दो बार बुरी तरह से जख्मी हुआ था। पहली बार ग्रेनेड बम के धमाके से और दूसरी बार जहरीली गैस की चपेट में आने से तो वह लगभग अंधा ही हो गया था।
14)• हिटलर किस्मत का बहुत धनी था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों की सेना ने एक जर्मन सिपाही पर तरस खाकर उसे छोड़ दिया। बदकिस्मती से वह सिपाही और कोई नहीं बल्कि स्वयं हिटलर ही था।
15)• हिटलर एक देशभक्त, बहादुर और सम्मानित सैनिक था। जर्मन सरकार द्वारा उसे प्रथम विश्वयुद्ध में दो बार आयरन क्रॉस (Iron Cross) व एक बार ‘ब्लैक वुण्ड बैज (Black Wound Badge) से सम्मानित किया गया।
16)• प्रथम विश्वयुद्ध में धुरी राष्ट्रों (जर्मनी, आदि) की हार से हिटलर पूरी तरह टूट गया। इसके बाद वर्साय की संधि की कठिन शर्तों ने तो उसके जख्मों पे नमक छिड़कने जैसा काम किया। इसके बाद से हिटलर का मन ऐसा बना की वह लगातार वर्तमान सरकार के तख्तापलट का प्रयास करने लगा।
17)• हिटलर को 1923 में बियर हॉल पुच (जो कि जर्मन सरकार को गिराने का एक प्रयास था) में शामिल होने के जुर्म में 9 माह जेल में काटने पड़े। यहाँ उसने फुर्सत के क्षणों में अपने जीवन पर ‘मेन कैम्फ’ (Mein Kamph) नामक एक जर्मन किताब लिखी, जिसका मतलब होता है- मेरा संघर्ष.
18)• प्रथम विश्वयुद्ध में हुई एक दुर्घटना के कारण हिटलर की आवाज़ खराब हो गयी थी, जिस कारण बोलते समय उसकी आवाज़ के साथ शोर-सा निकलता था। बावजूद इसके, हिटलर एक शानदार वक़्ता (Orator) था। अपने ओजस्वी भाषणों से वह लोगों का दिल जीतकर उन्हें अपनी तरफ कर लेता था। इतिहासकार बताते हैं कि हिटलर के वक्तव्यों में बड़ी से बड़ी भीड़ को रोके रखने की शक्ति थी, जो कम ही लोगों में पाई जाती है।
19)• आपको यह जानकर बहुत हैरानी हो सकती है कि अपनी तानाशाही के दम पर पूरी दुनिया को थर्रा देने वाला निर्दयी हिटलर शाकाहारी (Vegetarian) था यानी मांस-मछली नहीं खाता था। कहते हैं, उसने यह निर्णय अपनी एक प्रेमिका के आत्महत्या करने के बाद लिया था।
20)• कहते हैं, कि एक दौर ऐसा भी था जब हिटलर एक यहूदी लड़की के प्यार में पागल था। वह छुप-छुपकर उसका पीछा भी किया करता था। यहां तक कि, उस समय उसके मन में लड़की को किडनैप करने और उसके साथ आत्महत्या कर लेने जैसे ख्याल भी आते थे।
21)• एक नेता के रूप में हिटलर को कभी भी अपनी जनता का पूर्ण समर्थन प्राप्त नहीं हुआ। इसके बावजूद भी उसने सिर्फ 1/3 मतों के साथ 30 जनवरी 1933 को जर्मनी में तख्तापलट कर स्वयं को जर्मनी का चांसलर घोषित कर दिया।
22)• जर्मनी में अपनी सरकार स्थापित करने के तुरंत बाद से ही हिटलर ने वहां के अल्पसंख्यकों (यहूदी, जिप्सी) को बन्दीगृहों में जानवरों की भांति भरना शुरू कर दिया, जहां उन्हें हज़ारों की संख्या में, जहरीली गैस छोड़कर मौत के घाट उतार दिया जाता था। हैरानी की बात तो यह है कि निर्दयी हिटलर ने अपने पूरे जीवनकाल में एक भी बार उन बन्दीगृहों का दौरा तक नहीं किया।
23)• दूसरों को कष्ट देने वाला हिटलर खुद भी कई जानलेवा बीमारियों से ग्रसित था, जिसके लिए उसके पास हमेशा अपना एक पर्सनल डॉक्टर मौजूद रहता था। उसकी इन बीमारियों में गले की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, गैस और हैपटाइटिस जैसी बीमारियां शामिल थी। इन सब बीमारियों के इलाज की खातिर हिटलर 28 प्रकार की दवाईयां लिया करता था।
24)• गैस चैंबरों में मारे गए लोगों से मिले सोने को हिटलर अपने डेंटिस्ट को दिया करता था। यह स्पष्ट नहीं है कि डेंटिस्ट उससे क्या करता था लेकिन एक अनुमान के मुताबिक डेंटिस्ट उस सोने को हिटलर के दांतों में प्रयोग किया करता था।
25)• यह बात बहुत हैरान करती है कि हिटलर के पास दो नहीं बल्कि सिर्फ एक ही अंडकोश (Testicle) था। जिस कारण वह अपनी मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए सांड के स्पर्म से बनी दवाई का इंजेक्शन लिया करता था।
26)• अप्रैल 30 1939 को जब हिटलर 50 साल का हो गया, तो उसने अपने जनरलों को आदेश दिया कि इससे पहले की वह बूढ़ा होने लगे, उन्हें जंग की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए और इसके तकरीबन 4 महीने बाद सितम्बर की पहली तारीख को जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण करके दूसरे विश्वयुद्ध (WWII) का आगाज़ कर दिया।
27)• हिटलर की नाज़ी पार्टी (National Socialist German Workers Party) का चिन्ह एक काले रंग का स्वास्तिक (Swastik) था, जिसे सनातन धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। स्वस्तिक की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्दों सु (अच्छा) व अस्ति (घटित होना) से हुई है, जिनका संयुक्त अर्थ होता है- अच्छी किस्मत (Good Luck)
28)• इतिहासकार बताते हैं कि हिटलर अपने जनरलों के सामने डींगे हांकते हुए कहा करता था कि पूरी जर्मन सेना में वह सबसे ज़्यादा देर तक सैल्यूट मारने की मुद्रा में स्थिर खड़ा रह सकता है। लेकिन उस समय प्रचलित दन्तकथाओं के अनुसार उसकी जैकेट के बाजुओं के अंदर एक स्प्रिंग लगी होती थी, जिसके कारण वह ऐसा कर पाता था।
29)• हिटलर को मीठा खान बहुत पसंद था। कहा जाता है कि वह प्रतिदिन 1 किलो से भी अधिक डार्क चॉकलेट खा जाया करता था, जिस कारण उसके दांत सड़ गए थे और उसके मुहं से हमेशा बदबू आती रहती थी।
30)• इसके अलावा एक बार उसने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल को चॉकलेट में बम छुपाकर मारने की योजना भी बनाई थी, लेकिन ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी की मुस्तैदी के कारण उसकी यह साजिश नाकाम हो गयी।
31)• यह बात आपको हैरान कर सकती है कि एक वक्त पृथ्वी पर मानव जाति के लिए खतरा बना हिटलर, भगवान में बहुत ही ज़्यादा आस्था रखता था, लेकिन वह अपने ही इसाई धर्म (Christian) का विरोधी था। उसका मानना था कि जापानियों व मुसलमानों का धर्म ईसाइयों के धर्म से कई बेहतर है, क्योंकि वे धर्म खुद को बचाना जानते हैं जबकि ईसाई धर्म इतना कोमल व कमजोर है जिसपे कोई भी आसानी से हमला कर सकता है।
32)• हिटलर ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने सैनिकों की सेक्स जरूरतों को पूरा करने के लिए, उनमें से हरेक को सेक्स डॉल्स (Sex Dolls) दी थी, जो इतनी ज्यादा पोर्टेबल थी कि आसानी से उनके बैग में आ जाती थी।
33)• हिटलर के प्रिय संगीतकार रिचर्ड वैगनर (Richard Wagner) थे और उनकी पसंदीदा फ़िल्म 1933 में रिलीज़ हुई किंग कॉन्ग (King Kong) थी। साथ ही उनके प्रिय अभिनेता ‘चार्ली चैप्लिन’ थे, प्रथम विश्वयुद्ध तक हिटलर काफी बड़ी मूंछे रखता था लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान केमिकल बॉम्ब से बचाव हेतु पहने जाने वाले गैस मास्क के लिए उन्होंने अपनी मूंछे काटकर छोटी कर ली ताकि गैस मास्क अच्छी तरह चेहरे पर फिट हो पाए। जिन्हें ‘टूथब्रश मूछें’ कहा जाता था। विरोधी हिटलर के इस मूछ की स्टाइल को चिढ़ाने के लिए हिटलर की तुलना चार्ली चैपलिन से करते थे और मजाक उड़ाते थे।
34)• एक बार जब हिटलर से उसके किसी करीबी व्यक्ति ने सवाल किया कि उन्होंने ऐसी अजीब सी मूछें क्यों रखी हैं जिनका कोई फैशन ही नहीं चल रहा है? तो हिटलर ने बड़ी ही हाज़िरजवाबी दिखाते हुए कहा कि- “अब जो मैंने ये मूछें रख ली हैं, तो ये अपने आप ही फैशन बन जायेगा!”
35)• हिटलर के शासनकाल के दौरान 1936 में जर्मनी में ओलम्पिक खेलों का आयोजन हुआ। इस दौरान खेले गए एक हॉकी मैच में भारतीय टीम ने जर्मन टीम को 8-1 से करारी शिकस्त दी। उस समय ‘हॉकी के जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के हरफनमौला खेल से प्रभावित होकर हिटलर ने उन्हें अपने देश से खेलने का ऑफर दिया; मगर देशभक्त ध्यानचंद ने बिना कुछ सोचे यह लुभावनी पेशकश ठुकरा दी।