गरियाबंद, 6 जून 2025: जिले के छुरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री के.एल. मतावले के विरुद्ध प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की सिफारिश की है। कलेक्टर कार्यालय, गरियाबंद से जारी पत्र में बताया गया कि श्री मतावले ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) प्रक्रिया में शासन के दिशा-निर्देशों की गंभीर अवहेलना की है। इसके चलते काउंसिलिंग प्रक्रिया में व्यापक अव्यवस्था उत्पन्न हुई और जिला प्रशासन की छवि धूमिल हुई।
योजनाबद्ध समय का उल्लंघन और गलत जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप
शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा के बावजूद, छुरा विकासखंड से संबंधित जानकारी समय पर प्रस्तुत नहीं की गई। शिक्षकों की वरिष्ठता के क्रम को जानबूझकर छिपाने, अतिथि शिक्षकों की गणना में मूल संस्था की उपेक्षा, और कई स्थानों पर शालाओं की गलत जानकारी देने जैसे गंभीर आरोप पत्र में दर्ज हैं।
काउंसलिंग प्रक्रिया में फैली अव्यवस्था
प्राथमिक शाला टिकरापारा रानीपरतेवा और सतनामीपारा रानीपरतेवा की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में श्रीमती कुंज दीवान को गलत तरीके से कनिष्ठ बताकर काउंसलिंग हेतु बुलाया गया, जबकि वे वरिष्ठ थीं। इसी तरह, माध्यमिक शाला सांकरा में पाँच शिक्षक कार्यरत होने के बावजूद, किसी को अतिशेष नहीं माना गया।
भ्रमित करने वाली रिपोर्टें और विभागीय नुकसान
हाई स्कूल सेम्हरा, घटकर्रा और हायर सेकेण्डरी विद्यालय पंक्तिया जैसे स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की गणना में भी अनियमितताएं सामने आईं। हाई स्कूल पेण्ड्रा में संचालित वाणिज्य संकाय को गैर-संचालित बताकर वहां की व्याख्याता श्रीमती मधु वर्मा को अतिशेष घोषित कर दिया गया, जबकि साक्ष्य विपरीत थे।
शासन के निर्देशों की खुली अवहेलना
प्रशासनिक पत्र में उल्लेख किया गया कि श्री मतावले द्वारा युक्तियुक्तकरण की समूची प्रक्रिया में जानबूझकर भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की गई और बार-बार जिला स्तरीय समिति को गुमराह किया गया। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत गंभीर लापरवाही, सत्यनिष्ठा की कमी और कर्तव्य के प्रति उदासीनता की श्रेणी में आता है।
कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश
कलेक्टर कार्यालय ने श्री के.एल. मतावले के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन एवं विभागीय जांच की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव शासन के स्कूल शिक्षा विभाग, रायपुर को प्रेषित किया है।