RAIPUR MANGO FESTIVAL: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में जापान का ‘मियाजाकी’ आम लोगों के आकर्षण का केंद्र बना। यह दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक है, जिसकी कीमत ₹3.45 लाख प्रति किलो बताई गई है। इस महोत्सव में देशभर के 450 से अधिक किसानों ने 2000 से ज्यादा किस्मों के आमों की प्रदर्शनी लगाई।
छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों से लेकर अफगानिस्तान, थाईलैंड और फिलीपींस जैसी जगहों से लाई गई आम की विदेशी वैराइटी लोगों को खासा लुभा रही है। यहां आम की लंबाई 2 इंच से लेकर 15 इंच तक देखने को मिल रही है।
सूरजपुर जिले के रिटायर्ड जनरल मैनेजर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने मियाजाकी और अन्य विदेशी आमों की खेती अपने निजी बागान में की है। इन महंगे आमों की रखवाली दो अल्सेशियन कुत्ते और CCTV कैमरों से की जाती है।
महोत्सव में पाकिस्तान की दो वैराइटी ‘हूर पाकिस्तानी’ और ‘सिंधू’ भी प्रदर्शित की गईं। हालांकि ‘हूर पाकिस्तानी’ की नेम प्लेट बाद में हटा ली गई। आयोजकों के अनुसार, नाम को लेकर भ्रम और आपत्ति के चलते यह फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी महोत्सव का दौरा किया और सबसे बड़े आम को हाथ में लेकर फोटो खिंचवाए। उन्होंने कहा कि आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता—यहां की दुर्लभ किस्में इस बात का प्रमाण हैं। उन्होंने बीजापुर की ‘हाथीझुल’ किस्म की तारीफ की, जिसका एक फल 2 से 4 किलो वजनी होता है।
राष्ट्रीय आम महोत्सव 9 जून तक आम जनता के लिए खुला है, जहां आम प्रेमी न केवल विविध किस्मों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि कुछ पौधों और उत्पादों को खरीद भी सकते हैं।