बिलासपुर। CG : जून माह की शुरुआत में गर्मी के बाद चक्रवात के असर से हुई बारिश और छायी बदली से अभी मौसम का मिजाज ठंडा होने लगा है। दूसरी ओर न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान के बीच के बड़े अंतर ने लोगों के समक्ष कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा दी हैं। जिससे बिलासपुर सिम्स अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ती नज़र आ रही है। इनमें खास तौर पर सर्दी, खांसी, वायरल फीवर के अलावा डायरिया के भी मरीज शामिल हैं।
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डायरिया, जिसे हिंदी में अतिसार या दस्त कहा जाता है, एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला मल त्याग होता है। यह समस्या किसी भी आयु के लोगों को हो सकती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में यह अधिक सामान्य होती है। डायरिया सामान्यतः कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन गंभीर मामलों में यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। डायरिया की सबसे अधिक संभावना बच्चों और बुजुर्गों को होती है।
जिले में डायरिया के नोडल अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अभी एक भी मरीज नही है। उन्होने इसके बचाव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए। हाथों की स्वच्छता, सुरक्षित पानी,भोजन और उचित साफ सफाई जरूरी है। बच्चों को रोटावायरस वैक्सीन लगवाना और यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतना भी महत्वपूर्ण है।
पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पहले से ही सुनिश्चित कर ली गयी है। इसी के तहत सभी अस्पतालों में अलग से वार्ड तैयार करने को कहा गया है. सभी पीएचसी के लिए भी गाइडलाइन है। सभी प्रभारी को दिशा निर्देश दे दिया गया है की आवश्यक दवा,ओआरएस जैसी चीजें उपलब्ध करा दी जाएं।