गरियाबंद।
आज सोमवार को गरियाबंद स्थित पीएम श्री स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय परिसर शिक्षा के रंग में रंगा नजर आया। यहां जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें स्कूली बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत कर शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया गया।
कार्यक्रम में सांसद रूपकुमारी चौधरी, स्थानीय विधायक रोहित साहू, बिंद्रा नवागढ़ विधायक जनक ध्रुव, कलेक्टर बीएस उइके, भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप, उपाध्यक्ष लालिमा ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष सुमित पारख, नगर पालिका अध्यक्ष रिखीराम यादव, उपाध्यक्ष आशिफ मेमन, जनप्रतिनिधि प्रशांत मानिकपुरी अजय रोहरा, पारस ठाकुर, सभापति सूरज सिन्हा, रेणुका साहू, बिंदु सिन्हा, मधु देवांगन, जिला शिक्षा अधिकारी सहित अनेक अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, शिक्षक और सैकड़ों स्कूली बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गिरीश शर्मा ने प्रभावशाली ढंग से किया।
नवप्रवेशियों का हुआ भव्य स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों को गुलाल लगाकर, मिठाई खिलाकर और शैक्षणिक सामग्री वितरित कर स्वागत से हुई। पहली कक्षा के नन्हें बच्चों को पाठ्य पुस्तकें दी गईं, जबकि कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों को गणवेश का वितरण किया गया।
सरस्वती साइकिल योजना के तहत कक्षा 9वीं की छात्राओं को साइकिल वितरित कर बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया। इसके साथ ही जिले में प्रथम स्थान लाने वाले और माने में चयनित बच्चों को मंच पर सम्मानित किया गया।
सांसद रूपकुमारी चौधरी का संबोधन
सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा, “शाला प्रवेश उत्सव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। हर बच्चा स्कूल जाए, यह संकल्प शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी से ही हम एक शिक्षित और आत्मनिर्भर राज्य का निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा ही भविष्य की मजबूत नींव है और ऐसे आयोजनों से ग्रामीण अंचल में शैक्षणिक वातावरण समृद्ध होता है।”
विधायक रोहित साहू का जोशीला उद्बोधन
विधायक रोहित साहू ने अपने संबोधन में कहा,
“शिक्षा बच्चों के जीवन की दिशा तय करती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। पीएम श्री स्कूल योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मानंद स्कूल योजना जैसी पहलें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कार देने का सशक्त माध्यम हैं।”
उन्होंने कहा, “आज हम शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहते। हमारा लक्ष्य है कि बच्चों में नैतिकता, अनुशासन और देशभक्ति के संस्कार भी पनपे। पालकों से अपील है कि वे अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजें और घर पर पढ़ाई में सहयोग करें।”
सांस्कृतिक रंगों से सजा मंच
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। उनकी गायन, नृत्य और कविता पाठ ने उपस्थित जनों का दिल जीत लिया। पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा।
जनभागीदारी से बनेगा शिक्षित छत्तीसगढ़
शाला प्रवेश उत्सव के माध्यम से सभी अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि शिक्षा का उजियारा जन-जन तक पहुंचे, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। शासन की योजनाओं का लाभ हर घर तक पहुंचे, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।