बिलासपुर। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर फैमिली कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें पति को तलाक की डिक्री दी गई थी। फैमिली कोर्ट ने पत्नी को क्रूरता और परित्याग का दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने पाया कि पति अपने आरोपों को साबित नहीं कर सका।
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पति ने कहा था कि पत्नी बार-बार मायके चली जाती थी और उसके परिवार से झगड़े करती थी। उसने पत्नी पर अवैध संबंधों का झूठा शक करने और साथ न रहने का आरोप लगाया। वहीं पत्नी ने जवाब में दहेज की मांग, मारपीट और कान की झिल्ली फटने जैसे गंभीर आरोप लगाए और मेडिकल दस्तावेज व गवाह पेश किए।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पाया कि पति के आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत और जरूरी गवाह नहीं थे। वहीं पत्नी ने अपने पक्ष में पुलिस शिकायत, मेडिकल रिपोर्ट और भाई की गवाही जैसे मजबूत प्रमाण पेश किए, जिससे प्रताड़ना सिद्ध हो गई। अंत में हाईकोर्ट ने 4 मार्च 2023 को फैमिली कोर्ट द्वारा दिया गया तलाक का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने कोई क्रूरता नहीं की बल्कि खुद प्रताड़ना की शिकार रही। इसके साथ ही पत्नी की अपील स्वीकार कर तलाक की डिक्री खारिज कर दी हैं!