बालोद। CG NEWS: जिले के तरौद गांव में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते एक हफ्ते से दूषित पानी की वजह से गांव में बीमारों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे मरीजों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। वहीं, इस दौरान तीन लोगों की मौत ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
हालात को गंभीर होता देख स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में विशेष चिकित्सा शिविर लगाकर इलाज शुरू किया है। वहीं, पानी की सप्लाई की व्यवस्था को लेकर भी विभाग सक्रिय हो गया है।
20 साल पुरानी पाइपलाइन बनी बीमारी की वजह
गांव में 20 साल पुरानी जर्जर पाइपलाइन से सप्लाई हो रहे गंदे पानी को डायरिया फैलने की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी के नमूने जांच के लिए भेजे हैं और फिलहाल गांव में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मौतों पर स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई
तरौद में हुई तीन मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है। सीएमएचओ डॉ. महेश सूर्यवंशी ने बताया कि तीनों मौतें डायरिया से नहीं हुई हैं। एक बुजुर्ग की मौत पहले से चल रही बीमारी और कमजोरी के कारण हुई। एक नवजात की मौत निमोनिया से और एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से हुई है। हालांकि, ऐहतियात के तौर पर गांव में 24 घंटे डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
अभी भी भर्ती हैं तीन मरीज
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, फिलहाल अस्पताल में भर्ती डायरिया पीड़ितों में से ज्यादातर को छुट्टी दे दी गई है। अब केवल तीन मरीज इलाजरत हैं और दो दिन से कोई नया मरीज सामने नहीं आया है।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
लगातार हो रही बीमारियों और तीन मौतों के बाद गांव में डर का माहौल है। लोग सावधानी बरत रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को स्वच्छ पानी पीने और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दे रही है।