पटना/लखनऊ। Bihar Politics : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से वीडियो कॉल पर लंबी बातचीत की। इस बातचीत ने बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। तेज प्रताप ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर साझा करते हुए बताया कि अखिलेश यादव उनके लिए परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक हैं और इस कॉल ने उन्हें अपनी लड़ाई में अकेला न होने का अहसास दिलाया।
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तेज प्रताप ने अपने पोस्ट में लिखा, “आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय खिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई। इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई। अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे हैं और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक कॉल आया, तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नहीं हूं।”
पारिवारिक और राजनीतिक संदर्भतेज प्रताप यादव हाल ही में अपने निजी जीवन और एक कथित रिलेशनशिप विवाद के चलते सुर्खियों में रहे हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट से अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ तस्वीर और 12 साल पुराने रिश्ते का दावा सामने आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। लालू ने कहा था कि तेज प्रताप का व्यवहार परिवार के मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। इस फैसले का तेजस्वी यादव, मीसा भारती और रोहिणी आचार्या ने समर्थन किया था।
अखिलेश का समर्थन और सियासी अटकलेंऐसे समय में जब तेज प्रताप अपने परिवार और पार्टी से अलग-थलग पड़ गए हैं, अखिलेश यादव का उनसे वीडियो कॉल पर बात करना और हालचाल लेना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। खास बात यह है कि तेज प्रताप की छोटी बहन राजलक्ष्मी यादव की शादी अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव से हुई है, जिससे दोनों परिवारों के बीच रिश्तेदारी भी है।
सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत में अखिलेश ने तेज प्रताप से उनके भविष्य के सियासी कदमों और बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर भी चर्चा की। तेज प्रताप ने संकेत दिया कि वे चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए अखिलेश से मिलने लखनऊ भी आ सकते हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप समाजवादी पार्टी के बैनर तले बिहार में चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि सपा पहले भी बिहार में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है।
तेज प्रताप की सक्रियता और समर्थकों के साथ बैठकपार्टी और परिवार से निष्कासन के बावजूद तेज प्रताप ने हार नहीं मानी है। वे अपने पटना स्थित सरकारी आवास पर समर्थकों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “बैठकों का दौर जारी है। जनता का प्यार अगर साथ है, तो हर हालात और कठिनाइयों का सामना पूरी हिम्मत से करने की शक्ति मिलती है।” इसके अलावा, तेज प्रताप ने अपनी जान को खतरा बताते हुए बिहार सरकार से सुरक्षा की मांग भी की है।
क्या सुलझेगा पारिवारिक विवाद?
अखिलेश यादव और तेज प्रताप की इस बातचीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सपा प्रमुख लालू यादव और तेज प्रताप के बीच चल रहे इस पारिवारिक और राजनीतिक विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता करेंगे। हालांकि, इस बारे में अभी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह बातचीत नए सियासी समीकरणों को जन्म दे सकती है।
पिछली अनबन का जिक्रहालांकि, यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप और अखिलेश के बीच बातचीत सुर्खियों में आई है। पिछले साल अक्टूबर 2024 में तेज प्रताप ने शिकायत की थी कि अखिलेश उनका फोन नहीं उठा रहे हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “पहले वो मेरा फोन उठा लेते थे, लेकिन अब बिजी होने का बहाना बनाते हैं।” इस बार अखिलेश के कॉल ने तेज प्रताप को भावुक कर दिया और उन्होंने इसे अपने कठिन समय में एक बड़ा समर्थन बताया।
आने वाला समय देगा जवाबतेज प्रताप यादव की सक्रियता, अखिलेश यादव का समर्थन, और बिहार की सियासी हलचल यह संकेत दे रही हैं कि आने वाले दिन बिहार की राजनीति में नए मोड़ ला सकते हैं। क्या तेज प्रताप समाजवादी पार्टी के साथ नया सियासी सफर शुरू करेंगे या अपने परिवार और पार्टी में वापसी करेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा।