जांजगीर चांम्पा। CG News : रेशम विभाग एवं महात्मा गांधी नरेगा के समन्वित प्रयासों से महुवा (च) में अर्जुन पौधरोपण स्व-सहायता समूह ने कृमिपालन से बदली आर्थिक तस्वीर,कोसा उत्पादन में स्थापित की पहचान
जिले के बलौदा विकासखंड के ग्राम महुवा (च) पंचायत में संचालित स्व-सहायता समूहों ने रेशम (कोसा) उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर जिले में नई पहचान बनाई है। इस कार्य में रेशम विभाग एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की सहभागिता ने निर्णायक भूमिका निभाई है।
स्व-सहायता समूहों ने कृमिपालन (रेशम के कीड़ों का पालन) कर आत्मनिर्भरता की मिसाल प्रस्तुत की है। समूह की महिलाओं एवं पुरुषों ने मिलकर कोसा उत्पादन से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है तथा अन्य ग्रामीणों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हैं। लंबे समय की मेहनत का प्रतिफल यह सफलता एक दिन की नहीं, बल्कि सतत् मेहनत और समर्पण का परिणाम है। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला बल्कि स्थानीय मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हुआ। महात्मा गांधी नरेगा से 9 हजार 884 मानव दिवस का सृजन करते हुए मनरेगा श्रमिकों को नियमित रोजगार मिला।
स्वावलंबन की ओर एक ठोस कदम
नीतू गुप्ता जनपद पंचायत बलौदा,DEO ने बताया की महूदा (च)स्वावलंबन स्व-सहायता समूह के शकुंतला यादव,रामनी साहू द्वारा अर्जुन के वृक्षों में कृमिपालन करते हुए कोसाफल की वार्षिक दो फसलें ली जा रही हैं। इससे समूह के प्रत्येक सदस्य को 50,000 से 60,000 रुपये की आय प्राप्त हो रही है। महिलाओं ने विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर वैज्ञानिक ढंग से कोसा पालन प्रारंभ किया। गुणवत्ता में सुधार और निरंतर मेहनत से कोसा उत्पादन स्थानीय बाजारों में लोकप्रिय हो गया है।
सशक्तिकरण एवं प्रेरणा का स्रोत
कोसा उत्पादन ने महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त किया है।आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की भावना को बल मिला है। यह समूह आज अन्य गांवों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है। रेशम विभाग एवं मनरेगा के अभिसरण से अर्जुन पौधरोपण जैसे कार्यों ने न केवल हरित पर्यावरण की दिशा में योगदान दिया है, बल्कि ग्रामीण आजीविका संवर्धन को भी नई दिशा दी है।