CG : बिलासपुर जिले के बिल्हा विकासखंड अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कछार के प्राथमिक शाला स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों से मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। यहां बच्चे पढ़ने-लिखने के बजाय साफ-सफाई करते नजर आए। जिसका फ़ोटो लगातार सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिस पर ग्रामीणों ने भी इस विषय में नाराजगी जाहिर करते हुए शिक्षको पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।
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स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। इसमें पढ़ने वाले बच्चे भगवान का रूप होते है।जिनको मौजूद शिक्षक,स्कूल पढ़ने आए बच्चो को शिक्षा देते है। लेकिन विकासखंड बिल्हा अंतर्गत ग्राम कछार के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है।बल्कि संकुल केंद्र बने इस स्कूल में बच्चो से ही काम करता जा रहा है। हमारे पास जो तस्वीरें सामने आई है उसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह से प्रधान पाठक और गुरुजी बच्चों से काम करवा रहे है। मासूम बच्चे हाथ में कचरे का डिब्बा लेकर कचरा फेंकने जा रहे है।

यही नहीं एक हाथ में झाड़ू और एक हाथ में कचरे का डिब्बा लेकर बच्चो से किस तरह से खड़े होकर काम करवाया जा रहा है आप खुद इस तस्वीर के माध्यम से देख सकते है। इस विषय में जानकारी इक्ट्ठा करने जब हमारी टीम के द्वारा ग्राउंड जीरो में जाकर ग्रामीणों से इस विषय में जानकारी इक्ट्ठा की गई। जिस पर ग्रामीणों ने भी इस संबंध में नाराजगी जाहिर किया है। और शिक्षको पर उचित कार्यवाही की मांग की है।
कछार के संकुल केंद्र में मौजूद यह सफाई अभियान नहीं है बल्कि प्रधान पाठक और मैडम सफाई करवाने के लिए बच्चो को लगा दिए है।इसी कारण बच्चे पढ़ाई से ज्यादा सफाई अभियान में ध्यान दे रहे है। एक हाथ में झाड़ू और एक में कचरे का डिब्बा यह तस्वीरें देखिए इसमें आपको मासूम बच्चे एक हाथ में झाड़ू और एक हाथ में कचरे का डिब्बा नजर आएगा।जिसे देखकर आप खुद हैरान रह जाएंगे कि वाकई में किस तरह से इन बच्चों से काम करवाया जा रहा है। अब देखना होगा की इस संबंध में आला अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
