रवि विदानी, महासमुंद। Mahasamund : आदिवासी कमार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र होने के बावजूद इन तक आज तक मूलभूत सुविधा नहीं पहुंच सकी है, लिहाजा विशेष पिछड़ी जनजाति कमार आदिवासी समुदाय के लोग जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने को मजबूर हैं।
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हम बात कर रहे हैं महासमुंद शहर से लगा ग्राम पंचायत कौंदकेरा के आश्रित ग्राम बनासिवनी के कमार बस्ती का जहां 20 परिवार निवास करते हैं और उनकी आबादी लगभग 120 लोगों की है। 50 साल के बाद भी बुनियादी सुविधाओं का आभाव यहां देखा जा रहा है।
बच्चों को नहीं मिल पा रही बुनियादी शिक्षा
इस कमार बस्ती में हैंड पम्प तो है पर पानी नहीं आता है। बिजली है पर रोजाना जो घंटों बंद रहता है। इस बस्ती में तक पहुंचने के लिए कीचड़ से सने रस्ते से होकर पहुंचना होता है। जहां 108 और 112 वाहन नहीं पहुंच सकती है। कभी विशेष परिस्थिति में इन विशेष वाहनों की सुविधा लेनी हो तो यहां रहने वाले कमार अपने परिजनों को खाट में उठा कर सड़क तक लेकर आते हैं। इस कमार डेरा में 25 से 30 बच्चे 6 साल से कम के हैं जिनको आंगनबाड़ी के माध्यम से बुनियादी शिक्षा नहीं मिल पा रही है।