राजनांदगांव। CG : छत्तीसगढ़ में 16 जून से स्कूल शुरू हो गई है, शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों की किताबें बच्चों तक पहुंचे इसके लिए नई व्यवस्था करते हुए प्रत्येक किताबों में बारकोड प्रिंट किया गया है, जिसका स्कैन करने के बाद ही किताबों का वितरण होगा, लेकिन सरवर की समस्या और बारकोड ठीक से प्रिंट नहीं होने के चलते दिक्कतें आ रही है, अब तक सरकारी स्कूलों में बच्चों को आधी पुस्तक भी नहीं मिल पाई है।
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सरकारी स्कूलों की किताबें कबाड़ में बिकने के कई मामले सामने आए हैं, जिसे देखते हुए इस नए सत्र में शासन ने सरकारी किताबों पर बारकोड लगाया है । बच्चों को पुस्तक वितरण के वक्त शिक्षकों को इस बारकोड को स्कैन करना है, लेकिन अधिकांश पुस्तकों में बारकोड सही ढंग से प्रिंट नहीं होने से पुस्तक स्कैनिंग नहीं हो पा रही है। स्कूल खुले लगभग 17 दिन हो गए हैं, लेकिन इन 17 दिनों में अब तक सभी बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई है।
किताबे नहीं मिलने से कक्षा छठवीं के बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कक्षा छठवीं में इस वर्ष कोर्स बदल गया है और नई किताबें बच्चों को नहीं मिल पाई है, शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पुस्तक वितरण के लिए पुस्तकों को कई बार स्कैनिंग की जा रही है। लेकिन सर्वर और प्रिंटिंग समस्या के चलते पुस्तक स्कैन नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से बच्चों को पुस्तक वितरण नहीं हुआ है।
इस मामले में राजनांदगांव कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे का कहना है कि अनियमित रोकने नई व्यवस्था बनाई गई है, कुछ जगहों पर समस्या आ रही है जो जल्द ही दूर हो जाएगी।