रवि विदानी, महासमुंद। Mahasamund : जिले में जिला प्रशासन के अधिकारियों और शिक्षा विभाग को अपने बंद एसी कमरे में बैठे बैठे बड़ी बड़ी बातें कर अपनी पीठ थपथपाने से फुर्सत नहीं हैं। वहीं ग्राम पंचायत कांपा के भांठापारा के मासूम बच्चे जान जोखिम में डाल कर रोज कीचड़ से नहा कर स्कूल पहुंच रहे हैं।
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हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत कांपा के भांठापारा इलाके का जहां के सन 2013 में नवीन प्राथमिक शाला की स्थापना हुई है। इस स्कूल में 35 बच्चे पढ़ाई करने बच गए हैं। कुछ बच्चों के पालकों ने टीसी निकलवाकर अन्यत्र स्कूल में भेज दिए हैं।
स्थानीय जन प्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने पहुंचते है
Mahasamund ग्राम पंचायत भांठापारा इलाके के ग्रामीणों और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की समस्या से कोई वास्ता जिला प्रशासन के अधिकारियों और जिला शिक्षा विभाग को नहीं हैं। इस इलाके में लगभग 5 और मीटर की कच्ची सड़क है जो बरसात से पूरी तरह कीचड़ से भर गए हैं, इस रास्ते पर पैदल चलना मुश्किल हो गया, रास्ते में चलने वाले बच्चे स्कूल पहुंचते तक कई बार रास्ते में गिर रहे हैं। ग्रामीणों के मोटर साइकल कीचड़ में फंस रहे हैं। स्थानीय जन प्रतिनिधि इस इलाके ने सिर्फ वोट मांगने पहुंचते है और सिर्फ ग्रामीणों को आश्वासन देते है। जिसे लेकर ग्रामीणों में भरी आक्रोश हैं।
बच्चे गंदे कीचड़ से शने हुए घर पहुंचते है
ग्राम पंचायत कांपा के भांठापारा इलाके में निवास करने वाले गरीब परिवारों का कहना है कि बच्चों के भविष्य को लेकर सभी चिंतित है। जो छोटे छोटे बच्चे गंदे कीचड़ से शने हुए घर पहुंचते है जिन्हें कभी भी कोई भी गंभीर बीमारी हो सकती है। Mahasamund
गांव के इस कच्ची सड़क में 10 साल पहले जनपद सदस्य ने मुरूम डलवाया था, उसके बाद से इस सड़क को कोई झांकने तक नहीं पहुंचा है। जिला प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों से लगातार ग्राम के निवासी निवेदन कर रहे हैं लेकिन कोई सुविधा यहां तक नहीं पहुंच रही है।