उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में कैमरे में कैद हुए दुर्लभ पल,तेंदुआ अपने दो शावकों संग दिखा खेलता हुआ, डीएफओ ने साझा किया वीडियो,वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति विभाग की सजगता उजागर
गरियाबंद।
बरसात के मौसम में जब प्रकृति अपने चरम सौंदर्य पर होती है, तब वन्यजीवों की गतिविधियाँ भी तेज हो जाती हैं। इसी क्रम में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व से एक दुर्लभ और मनमोहक दृश्य सामने आया है, जिसमें एक तेंदुआ अपने दो नन्हे शावकों के साथ खेलता हुआ नजर आ रहा है। यह दृश्य रिजर्व में लगे ट्रैप कैमरे में कैद हुआ, जिसे डीएफओ वरुण जैन ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में शावकों को अपनी माँ की पीठ पर चढ़ते और जंगल में चंचलता से दौड़ते हुए देखा जा सकता है।
डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि “टाइगर रिजर्व में जैव विविधता संरक्षित है और विभाग सतत निगरानी और संरक्षण पर ध्यान दे रहा है। बरसात में यह जंगल प्राकृतिक जल-संग्रहण क्षेत्र की तरह कार्य करता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित रहता है।”
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व न केवल बाघों, तेंदुओं जैसे बड़े मांसाहारी जीवों का आवास है, बल्कि यहाँ हिरण, भालू, पक्षियों और सरीसृपों की भी बड़ी संख्या में मौजूदगी है। वन विभाग की ओर से लगातार चलाए जा रहे संरक्षण प्रयासों के चलते इन जीवों की संख्या और गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि देखी जा रही है।
वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ यह पहल समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता भी ला रही है। डीएफओ जैन का यह प्रयास लोगों को जंगल और वन्यजीवन के प्रति जुड़ाव बढ़ाने की प्रेरणा दे रहा है।
डीएफओ वरुण जैन ने कहा
“बरसात के मौसम में वन्यजीवों की गतिविधियाँ काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे समय में ट्रैप कैमरों से मिली यह दुर्लभ झलक हमारे लिए बेहद खास है। तेंदुए के साथ उसके दो नन्हे शावकों का खेलना यह दर्शाता है कि टाइगर रिजर्व में जैव विविधता सुरक्षित है और वन्यजीव खुद को सहज महसूस कर रहे हैं। विभाग लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और संरक्षण की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रहा है, ताकि इन वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हमारा उद्देश्य केवल निगरानी ही नहीं, बल्कि आम जनता में भी वन्यजीवों के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता उत्पन्न करना है। यह वीडियो उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है।”