नगरी। CG NEWS: एक ऐसा गांव जहा जहा के जनप्रतिनिधियों को जर्जर पंचायत भवन में बैठकर गांव की विकास के लिए शासकीय योजनाओं को संचालित करने मजबूर है जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के आदिवासी वनांचल क्षेत्र नगरी सिहावा की।
आप को बता दे कि नगरी ब्लाक मुख्यालय से पन्द्रह किलो मीटर की दुरी पर स्थित ग्राम पंचायत पांवद्वार मे ऐसे तो विकास के अनेक कार्य पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा जन हितार्थ के लिए कराए गए हैं। परंतु इस जनप्रतिनिधियों का दुर्भाग्य कहे या फिर उनकी उदासीनता क्योंकि जिस पंचायत भवन में बैठकर यह समस्त आम जनता की समस्याओं के समाधान सहित लोगों को पक्की मकान मुहैया कराने साथ ही ग्राम के समुचित विकास हेतु योजनाएं तैयार करते हैं लेकिन उसी भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि न जाने कब भरभरा कर भवन जमीन पर गिर जाए और कोई गंभीर हादसा हो जाए ।
यहा के पंचायत भवन में जगह-जगह दीवारों पर दरारें पड़ चुकी है तथा लकड़ी पूरी तरह सड़ चुकी है साथ ही खपरैल वाली टूटी फूटी छत के नीचे बैठकर प्रतिदिन ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच गण सचिव आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए उपस्थित रहते हैं।भवन की स्थिति को देखकर अपने कार्यों के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय में पहुंची आम जनता के मन में सदैव एक अनजाना सा बना रहता है कि उनकी उपस्थिति में ही जर्जर हो चुका भवन भरवारा कर कहीं गिर ना जाए और कोई अनहोनी घटना उनके साथ घटित ना हो जाए ।
ग्राम के सरपंच राकेश नेताम, पंच सोबराय नेताम सेवाराम बघेल चेतन यादव, ग्राम पटेल गिरधर देव, रिखी राम देवांगन, कमलेश यादव, टिकेश कोर्राम सहित अन्य ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता को बताया कि भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हों इस आशंका के चलते ग्राम पंचायत में नवनिर्माण की मांग ग्रामीणों द्वारा उच्च जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से अनेक बार की गई है परंतु इतनी गंभीर समस्या पर आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि लगता है शासन ,जर्जर हो चुके ग्राम पंचायत पांवद्वार के भवन में किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है शायद उसके बाद ही इस भवन के पुनर्निर्माण के विषय में कुछ करेंगे । वही जनपद पंचायत नगरी के अध्यक्ष महेश गोटा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पावद्वार की ग्राम पंचायत भवन काफ़ी पुरानी है, मुझे जानकारी मिली है कि वर्तमान में भवन काफी जर्जर हो चूका है।
ग्रामीणों द्वारा नवीन पंचायत भवन की मांग सुशासन तिहार के समाधान शिविर में किया गया था। नया भवन की स्वीकृति के लिए उच्चाधिकारियों को चर्चा कर मांग पत्र भेजा गया है।