मुंबई। Suicide in the lockup: सहार पुलिस स्टेशन में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। चोरी के आरोप में गिरफ्तार 26 वर्षीय युवक ने लॉकअप में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के बाद पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर लॉकअप के भीतर गमछा कैसे पहुंचा? और क्या युवक वाकई मानसिक तनाव में था या कुछ और कहानी छुपी है? जांच में कई अहम पहलुओं की पड़ताल शुरू हो चुकी है।
मुंबई के एयरपोर्ट इलाके में एक होटल में शेफ का काम करने वाला 26 वर्षीय अंकित राय बीती रात चोरी के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। आरोप था कि उसने अपने रूममेट्स के पांच में से तीन मोबाइल फोन चुरा लिए थे। पुलिस ने जब जांच की तो तीन मोबाइल उसके पास से बरामद हुए। इसके बाद सहार पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और आज कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
अंकित को 9 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश मिला था। लेकिन उसी दिन दोपहर बाद सहार पुलिस स्टेशन के लॉकअप के टॉयलेट रूम में उसने गमछे से फांसी लगाकर जान दे दी।
📌 सबसे बड़ा सवाल — लॉकअप में गमछा कैसे पहुंचा?
नियमों के मुताबिक किसी भी हिरासत में लिए गए आरोपी को निजी सामान रखने की इजाजत नहीं होती। फिर अंकित के पास गमछा कैसे था? यही सवाल इस घटना को संदिग्ध बना रहा है।
क्राइम ब्रांच ने अब लॉकअप निगरानी व्यवस्था, शिफ्ट ड्यूटी रिकॉर्ड और हिरासत नियमों के पालन की जांच शुरू कर दी है।
📌 मानसिक तनाव या कुछ और?
पुलिस का कहना है कि अंकित चोरी के आरोप, गिरफ्तारी और कोर्ट कस्टडी के फैसले से मानसिक रूप से परेशान था। इसी वजह से उसने यह घातक कदम उठाया होगा।
हालांकि, परिजनों और कुछ साथियों का दावा है कि अंकित दबाव में था और उसने जानबूझकर चोरी नहीं की थी। पूरे मामले में क्राइम ब्रांच अब हर एंगल से जांच कर रही है।