अमेरिकी। Trump’s tariff war: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया के कई बड़े देशों पर भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की धमकी दी है। 14 देशों को भेजे गए नोटिस से वैश्विक बाजार में हलचल मच गई है। दिलचस्प बात ये है कि ट्रंप खुद इस डेडलाइन को लेकर कंफ्यूज दिख रहे हैं और जब पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने कहा — “मैं दृढ़ हूं, लेकिन 100% नहीं।” आखिर ट्रंप की ये मजबूरी क्या है? क्यों वो बार-बार डेडलाइन खिसका रहे हैं? आइए समझते हैं पूरा मामला।
📌 पूरा मामला क्या है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार, 7 जुलाई को 14 देशों को एक नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया कि 1 अगस्त से उनके देश से अमेरिका आने वाले सामान पर 25% से 40% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाएगा। खास बात ये है कि इन देशों में जापान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया जैसे अमेरिका के पुराने कारोबारी सहयोगी भी शामिल हैं।
हालांकि भारत को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया, जिससे संकेत मिल रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते (ट्रेड डील) को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में है और जल्द इसका ऐलान हो सकता है।
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📌 पहले भी बढ़ा चुके हैं डेडलाइन
दरअसल, ट्रंप ने अप्रैल में भी ‘मुक्ति दिवस’ के मौके पर 90 दिनों के भीतर सभी देशों पर बेसलाइन 10% और उससे ज्यादा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। लेकिन बाजार में मचे हड़कंप के बाद ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की डेडलाइन 90 दिन के लिए टाल दी थी।
अब वही 90 दिन 9 जुलाई को खत्म होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही ट्रंप ने 14 देशों को धमकी भरा नोटिस भेज दिया। मगर, इसके साथ ही ट्रंप ने एक नया आदेश साइन कर डेडलाइन को 1 अगस्त तक के लिए फिर से बढ़ा दिया।
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📌 ट्रंप की मजबूरी क्या है?
सवाल ये उठता है कि ट्रंप आखिर बार-बार डेडलाइन क्यों बढ़ा रहे हैं? इसका सीधा जवाब ट्रंप के चुनावी वादे में छुपा है।
उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले कहा था कि 90 दिनों में 90 ट्रेड डील करेंगे। अब उनके कार्यकाल के 181 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ ब्रिटेन और वियतनाम के साथ ही ठोस डील हो पाई है।
इसके अलावा, चीन के साथ हाई टैरिफ हटाने को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई फाइनल समझौता नहीं हुआ है। ऐसे में ट्रंप पर घरेलू राजनीतिक दबाव है कि वो जल्द से जल्द बड़े फैसले लें।
इसी वजह से ट्रंप बार-बार देशों को टैरिफ का डर दिखाकर डील करने का दबाव बना रहे हैं।
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📌 डेडलाइन पर भी कंफ्यूज
सबसे दिलचस्प वाकया तब हुआ, जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ डिनर के दौरान जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या 1 अगस्त की डेडलाइन फिक्स है?
इस पर ट्रंप बोले — “मैं दृढ़ हूं, लेकिन 100% नहीं।”
यानी अगर कोई देश नई ट्रेड डील का प्रस्ताव लेकर आए और वो ट्रंप को पसंद आ गया, तो वो डेडलाइन आगे बढ़ा सकते हैं या टैरिफ लगाने का फैसला रोक सकते हैं।
यही वजह है कि दुनियाभर के बाजारों में अनिश्चितता और निवेशकों में घबराहट का माहौल बना हुआ है।
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📌 भारत के लिए अच्छी खबर
हालांकि इस पूरे मामले में भारत के लिए राहत की खबर है। 14 देशों की लिस्ट में भारत का नाम नहीं है। इससे साफ संकेत है कि भारत और अमेरिका के बीच कोई बड़ी व्यापार डील बन सकती है, जिसकी आधिकारिक घोषणा अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है।
अगर ऐसा होता है तो ये भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी अच्छी खबर होगी।
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📌 नज़र रखें इस मुद्दे पर…
ट्रंप के इस टैरिफ वॉर का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में अमेरिका का अगला फैसला क्या होगा, डेडलाइन और आगे बढ़ेगी या टैरिफ लागू होंगे — ये देखना दिलचस्प रहेगा।
हम आपको इस मामले की हर अपडेट सबसे पहले देंगे। जुड़े रहिए।