रवि विदानी, महासमुंद। Mahasamund : बारिश का सीजन शुरु होते ही महासमुंद जिले के सड़कों की खस्ता हालत से लोग परेशान है। ग्रामीण जहां सडकों पर पानी भरे गड्ढों में गुजरने को मजबूर है और दुर्घटना का शिकार हो रहे है, वही स्कूली बच्चे कीचड़ व पानी से भरे गड्ढे वाले रास्तों पर जदोजहद कर स्कूल जाने को मजबूर है, पर संबंधित विभाग कुभंकर्णी नींद में सोया हुआ है।
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जान जोखिम में डालकर बम्हनी हाईस्कूल जाने मजबूर छात्र
आप वीडियो में पानी से भरे गड्ढों वाली सड़क पर स्कूली बच्चो एवं ग्रामीणों को जाते देख रहे है। दरअसल ये सड़क महासमुंद से बम्हनी, चिंगरौद होते गरियाबंद जाती है। बम्हनी से चिंगरौद की दूरी लगभग डेढ़ किमी है। इस डेढ़ किमी की दूरी चिंगरौद के ग्रामीण व स्कूली बच्चो के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। आसपास के गांव के बच्चें इसी गड्ढों वाली सड़क पर जान जोखिम में डालकर बम्हनी हाईस्कूल पढ़ने आते है। बम्हनी से चिंगरौद के बीच एक नाला भी है ,जो बरसात में पानी ओवर फ्लो होने के कारण टूट जाता है। जिससे आवागमन भी बाधित हो जाता है।
4-5 सालों से सड़क का ये हाल है – ग्रामीण
लोक निर्माण विभाग वर्ष 2018 में 80 लाख रुपये के लागत से इस सड़क को बनाया था। सड़क बनने के कुछ वर्षो के बाद ही सड़क की स्थिति बेहाल हो गयी। सड़क से गुजरने वाले छात्राओं व ग्रामीणों का कहना है कि 4-5 सालों से सड़क का ये हाल है। हमलोगो को काफी कठिनाइयाँ होती है स्कूल आने- जाने में, कोई जनप्रतिनिधि व संबंधित विभाग ध्यान नही दे रहा है।
वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह का कहना है कि पीडब्लूडी के आला अधिकारी से जानकारी लेकर समुचित व्यवस्था की जायेगी।
गौरतलब है कि जिले का कोई यह पहली सड़क नही है जिसकी ये हालत है। जिले में लगभग एक दर्जन से ज्यादा सड़कों का ये हाल है जिसे पीडब्लूडी या फिर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाया गया है। बहरहाल देखना होगा कि सड़को के लिए वर्षों से बने स्टीमेट स्वीकृत होते है या फिर ऐसे ही खस्ता सड़कों से लोगो को गुजरना पड़ता है।
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