पटना। बिहार बंद : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ महागठबंधन ने बुधवार को राज्यव्यापी चक्का जाम और बिहार बंद का आह्वान किया। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने की। पटना की सड़कों पर महागठबंधन के सभी प्रमुख नेता और कार्यकर्ता उतरे, जिससे कई जगहों पर सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ।
प्रदर्शनकारी आयकर चौराहे से वीरचंद पटेल पथ और शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने के लिए आगे बढ़े। इस दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण है और गरीबों, प्रवासियों, दलितों और वंचित वर्गों के मताधिकार को छीनने की साजिश है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है। यह लोकतंत्र पर हमला है।” वहीं, राहुल गांधी ने इसे “वोटबंदी की साजिश” करार देते हुए कहा कि यह बिहार की जनता के अधिकारों पर डाका है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पटना, हाजीपुर, सिवान, अररिया, और जहानाबाद समेत कई जिलों में सड़कों पर टायर जलाए गए और नारेबाजी की गई। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-22 पर राजद कार्यकर्ताओं ने भैंस के साथ प्रदर्शन कर सड़क जाम की। कई जगहों पर ट्रेनें भी रोकी गईं, जैसे दरभंगा में नमो भारत ट्रेन और बिहिया में श्रमजीवी एक्सप्रेस।
चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को शुरू किए गए इस विशेष पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं से 11 दस्तावेजों में से एक जमा करने की मांग की थी, जिसे विपक्ष ने अव्यवहारिक और जनविरोधी बताया। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनकी सुनवाई गुरुवार को होनी है।
पटना प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, और चुनाव आयोग कार्यालय के आसपास बैरिकेड्स लगाए गए। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने महागठबंधन के इस प्रदर्शन को तनाव बढ़ाने वाला करार दिया। महागठबंधन का दावा है कि यह आंदोलन सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।