रवि विदानी, महासमुंद। Mahasamund : जिले के पिथौरा ब्लॉक के ग्राम गड़बेडा में स्थित हाई स्कूल के सैकड़ों छात्र छात्राएं जान जोखिम में डाल कर शिक्षा ग्रहण करने मजबूर हैं। पिछले पांच साल से भी अधिक समय से स्कूल के शिक्षक और पालक नए भवन की मांग कर रहे हैं। नए भवन की बात तो छोड़िए शिक्षा विभाग ने स्कूल की मरम्मत तक नहीं कराई है। शिक्षा विभाग की लापरवाही की हद तो देखिए जो एक लाख रुपए स्कूल मरम्मत के लिए मिला था वह भी लेप्स हो गया।
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महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक में स्थित गड़बेडा हाई स्कूल पिछले कई सालों से जर्जर हो चुका है जहां 9 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा तक के लगभग 225 छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, स्कूल के दीवारों ने साथ छोड़ दिया है। दीवारों और छत के प्लास्टर नीचे गिर रहे हैं, बरसात का पानी छात्र छात्राओं के सर पर टपक रहा है। स्कूल की दीवारों पर पूरी तरह सीलन आ चुकी है। दीवारों पर विद्युत की सफलाई 24 घंटे हो रही है। जिस करंट से कभी भी बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है।
हम आपको बता दें कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने जर्जर भवन की शिकायत क्षेत्र के सांसद विधायक, कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी से पिछले पांच साल से लगातार करते रहे हैं लेकिन किसी ने इस स्कूल की सुध नहीं ली। लगातार शासन प्रशासन की अनदेखी से नाराज पलकों से 14 जुलाई को विद्यालय में तालाबंदी की घोषणा कर दी है।
तालाबंदी की घोषणा के बाद महासमुंद के नए जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे स्कूल का जायजा लेने पहुंचे और एक लाख रुपये स्कूल के मरमत के लिए देने की बात कही है। जिला शिक्षा अधिकारी के घोषणा से असंतुष्ट पलकों और शिक्षकों का कहना है कि स्कूल को अगर रिपेयर भी कराया जाएगा तो कम से कम 4 लाख रुपए की लागत आएगी।
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