रायपुर। छत्तीसगढ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने कंटेनमेंट जोन के बाहर धार्मिक और अन्य कार्यक्रम आयोजन के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। प्रशासन ने 30 नवंबर को लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा पर मेला के लिए निर्देश भी जारी किये हैं।
विभाग से जारी गाइडलाइन के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर्व 30 नवंबर को महादेवघाट में आयोजित होबे वाले सभी कार्यक्रम मंदिर परिसर के भीतर ही सम्पन्न होंगे। पूजा स्थल पर केवल पूजा करने वाले ही व्यक्ति शामिल होगे। अनावश्यक भीड एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी मेला प्रबंधन समिति/पूजा कमेटी की होगी। मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु पंक्तिवद्ध तरीके से लाईन में खडे होगे एवं उनके बीच एक श्रद्धालु और दूसरे श्रद्धालु के बीच दो गज की दूरी होगी। श्रद्धालु के खड़े होने के लिए मंदिर प्रबंधन मेला समिति,”नगर निगम के द्वारा सफेद गोले बनाया जावे।
कार्तिक पूर्णिमा के दौरान पूजा स्थल पर जुलसू, रैली, सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेगें। पूजा स्थल महादेवघाट में पान, गुटका इत्यादि खाकर थुकना प्रतिबंधित रहेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायपुर द्वारा कार्तिक पूर्णिमा महादेवघाट रायपुर में आयोजित पर्व के दौरान एम्बुलेंस, डॉक्टर, चिकित्सकीय स्टाफ एवं दवाई की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
कार्तिक पूर्णिमा स्थल महादेवघाट में किसी भी प्रकार के बाजार, मेला, दुकान लगाने की अनुमति नहीं होगी। महादेवघाट पूजा स्थल में ध्वनि विस्तारक यंत्रो के उपयोग एवं प्रसाद वितरण की अनुमति नही होगी। महादेवघाट पूजा स्थल में छोटे बच्चे एवं वृद्ध को जाने की अनुमति नहीं होगी। खारून नदी, महादेवघाट के गहरे पानी में जाकर पूजा,/स्नान करने की अनुमति नही होगी। नगर निगम रायपुर /गेला समिति, आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी की व्यवस्था, गोताखोर एवं नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी तथा मेले के लिए पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था करेगें।
नगर निगम रायपुर/मेला प्रबंधन समिति महादेवघाट मे आयोजित कार्तिक पूर्णिमा पर्व में आने वाले श्रद्धालुओं एवं अन्य व्यक्तियों को सेनेटाईज करने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी एवं समय-समय पर सेनेटाईजर से मंदिर परिसर (मंदिर प्रबंधन समिति) को सेनेटाईज करना सुनिश्चित करेगें। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क,/सोशल एवं फिजीकल डिस्टेसिंग का पालन एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। मेला परिसर स्थित विभिन्नं सामाजिक भवनों /धर्मशालाओं में किसी व्यक्ति को ठहरने की अनुमति नहीं दी जावेगी। सामाजिक भवनों की साफ-सफाई एवं सेनेटाईज करने की जिम्मेदारी संबंधित समाज प्रमुखों की होगी।