राजिम। CG NEWS: धर्म नगरी राजिम में सावन मास की पहली सुबह श्रद्धा, भक्ति और शिव आराधना से सराबोर रही। त्रिवेणी संगम के मध्य स्थित प्राचीन श्री कुलेश्वर नाथ मंदिर में सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन किए। पैरी, सोंढूर और महानदी के संगम पर विराजमान इस ऐतिहासिक मंदिर में अलसुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। मंदिर परिसर “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष से गूंजता रहा।
सावन के पहले सोमवार को मंदिर में विशेष पूजन-अर्चन और भगवान कुलेश्वर नाथ का भव्य श्रृंगार किया गया। बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, चंदन और पुष्पों से महादेव की आराधना की गई। मंदिर को आकर्षक फूलों, दीपों और रंगोली से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण दिव्यता से भर उठा।
रामायण काल से जुड़ा है मंदिर का इतिहास
स्थानीय पुरोहितों के अनुसार, कुलेश्वर नाथ मंदिर का संबंध रामायण काल से है। मान्यता है कि माता सीता ने वनवास के दौरान यहां रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा की थी। आठवीं सदी की स्थापत्य कला में निर्मित यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शिववास योग में पूजा का विशेष फल
इस वर्ष सावन की शुरुआत शिववास योग में हुई, जिससे पूजन का महत्व और बढ़ गया। भक्तों ने जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विविध अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान शंकर की आराधना की। एक श्रद्धालु ने भावविभोर होकर बताया, “सावन में कुलेश्वर नाथ जी के दर्शन से आत्मिक शांति मिलती है और जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”
चार सोमवार और कांवड़ यात्रा के लिए विशेष तैयारियां
मंदिर समिति ने बताया कि सावन माह के चारों सोमवारों पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। वहीं, कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए जलपान, विश्राम और चिकित्सा की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। नगर प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग मंदिर व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में लगा हुआ है।
भक्ति और श्रद्धा का यह माहौल सावन भर ऐसे ही गूंजता रहेगा, और त्रिवेणी संगम में शिवभक्तों की आस्था की धारा बहती रहेगी।