जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रदेश के बहुचर्चित रोशनी घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि रोशनी एक योजना थी, लेकिन उसे अब एक घोटाले की तरह पेश किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जबसे हमने जिला विकास परिषद के चुनाव में भाग लेने का फैसला किया, तब से हमें और अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है। पीएजीडी के उम्मीदवारों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में हमारे उम्मीदवार चुनाव कैसे लड़ पाएंगे?
महबूबा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुसलमानों को पाकिस्तानी, सरदारों को खालिस्तानी, समाजिक कार्यकर्ताओं को अर्बन नक्सल और छात्रों को टुकड़े-टुकड़े गैंग व देशद्रोही कहते हैं। मुझे यह समझ नहीं आता कि अगर सब लोग आतंकवादी हैं तो इस देश में हिंदुस्तानी कौन है? केवल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता?
जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझ नहीं जाता, तबतक समस्या बनी रहेगी। जब तक सरकार अनुच्छेद 370 को फिर से लागू नहीं करती, यह समस्या बनी रहेगी। मंत्री आते जाते रहेंगे। केवल इस तरह से सामान्य चुनाव करवा देना कोई समाधान नहीं है।
After we decided to participate in #DDCElection, the degree of oppression has increased in Jammu & Kashmir. Candidates of PAGD are confined & are not allowed to go out for campaigning. How candidates will contest if they are not allowed to canvass?: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/BBnvE2G1Ny
— ANI (@ANI) November 29, 2020
महबूबा ने आरोप लगाया कि अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं। वो मेरी पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं, क्योंकि मैं आवाज उठाती हूं। मुझे लगातार कहा जा रहा है कि मेरी रिहाई के बाद से ही अनुच्छेद 370 पर चर्चा शुरू हुई है। इसमें मैं क्या कर सकती हूं। महबूबा ने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा अपना ही एक तंत्र स्थापित करना चाहती है, जहां लोकतंत्र के लिए कोई स्थान नहीं होगा।