सुकमा । CG NEWS: नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सबसे बड़ी सफलता! 1 करोड़ 18 लाख के इनामी नक्सली सहित कुल 23 नक्सलियों ने आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में बिना हथियार के आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 9 महिला नक्सली भी शामिल हैं।
👉 नक्सलियों ने खुद तोड़ा हिंसा का चक्र, अब लौटे समाज की मुख्यधारा में
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2025 एवं ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रेरित होकर किया गया। साथ ही अंदरूनी इलाकों में लगातार बनते पुलिस कैंप्स और दबिश ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है।
नक्सलियों ने स्वीकार किया कि संगठन की अमानवीय सोच, स्थानीय आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और बाहरी नक्सलियों का भेदभाव अब सहन नहीं हो रहा था।
👁 पूर्व कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल थे ये नक्सली
आत्मसमर्पण करने वालों में वे नक्सली भी शामिल हैं जिन्होंने पूर्व कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के बहुचर्चित अपहरण कांड में अहम भूमिका निभाई थी। अब यह समूह पूरी तरह से हथियार छोड़कर लोकतांत्रिक व्यवस्था में लौट आया है।
💰 हर नक्सली को मिलेंगे 50-50 हजार और पुनर्वास की सुविधाएं
राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की अन्य सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे नए जीवन की शुरुआत कर सकें।
👮♂️ इन अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण के इस ऐतिहासिक मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे:
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आनंद सिंह राजपुरोहित, उप पुलिस महानिरीक्षक (परि.) सुकमा
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सैयद मोहम्मद हबीब असगर, डीआईजी (परि.) रेंज जगदलपुर
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किरण चव्हाण, पुलिस अधीक्षक, सुकमा
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गोपाल गुप्ता, कमांडेंट 227वीं वाहिनी CRPF
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कमलेश कुमार, कमांडेंट 02वीं वाहिनी CRPF
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नवीन कुमार यादव, द्वितीय कमान अधिकारी
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मनीष रात्रे, उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स)
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व अन्य CRPF एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी
📌 GRAND NEWS ANALYSIS:
सुकमा में हुआ यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के अंत की बड़ी दस्तक है।
राज्य सरकार की योजनाएं, पुलिस की रणनीति और जनता के बदलते विचार – तीनों ने मिलकर इस क्रांतिकारी बदलाव को संभव किया है।
यह घटना साबित करती है:
“अब डर का नहीं, विकास और विश्वास का राज चलेगा!”
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