दुर्ग | CG NEWS: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 1.89 प्रतिशत औसत बिजली दर वृद्धि को मंजूरी दे दी है, जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इस फैसले का सीधा असर राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ा है, खासकर दुर्ग जिले के करीब 2.42 लाख उपभोक्ता अब ज्यादा बिजली बिल चुकाएंगे।
नई दरों के अनुसार –
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निम्न मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट,
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अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट,
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कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
सियासत गरमाई, बयानबाजी तेज
इस मामूली सी प्रतीत होने वाली दर वृद्धि ने अब राजनीतिक घमासान मचा दिया है।
बीजेपी विधायक गजेंद्र यादव ने इस वृद्धि को “सीमित और आवश्यक” बताया। उन्होंने कहा –
“राज्य विद्युत नियामक आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, इसे कोर्ट जैसी शक्तियां प्राप्त हैं। बढ़ोतरी बहुत कम है और इससे आम जनता पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।”
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा –
“बीजेपी की सरकार बिजली दरें बढ़ाकर गरीब और किसानों की कमर तोड़ रही है। हमारी कांग्रेस सरकार ने उपभोक्ताओं को 50% सब्सिडी दी थी। आज हर वर्ग परेशान है, फिर भी सरकार संवेदनशीलता नहीं दिखा रही।”
क्या बोले उपभोक्ता?
बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं में भी नाराजगी है। दुर्ग निवासी एक मध्यमवर्गीय उपभोक्ता ने कहा –
“10 या 20 पैसे भले ही कम लगें, लेकिन महीने का बिल अब सैकड़ों रुपए ज्यादा आता है। ऊपर से पानी, गैस और बाकी खर्चों में पहले ही दम निकल रहा है।”
निष्कर्ष:
बिजली दरों में वृद्धि अब छत्तीसगढ़ की राजनीति का नया केंद्रबिंदु बन गई है। जहां सरकार इसे तकनीकी और तर्कसंगत निर्णय बता रही है, वहीं विपक्ष इसे जन विरोधी नीति बताकर मोर्चा खोल रहा है।
देखना होगा कि आने वाले समय में क्या जनता को इस बढ़ी दर से राहत मिलेगी या यह मुद्दा चुनावी हथियार बनकर और गरमाएगा।