रायगढ़ । CG NEWS: बेसहारा और अनाथ बच्चीयाँ अब अपनी तकदीर खुद लिखने जा रहीं है| संस्था में पली बढ़ी ये बच्चीयाँ अब पढ़ लिख कर अपने पैरो पर ख़डी हो रहीं है| बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिले में वास्तव में बेटियों को बचाया जा रहा है उन्हें पढ़ाया जा रहा है| उन्हें जीवन में आनेवाली कठिनाईयों का सामना करने के लिए तैयार किआ जा रहा है|
बीते कुछ सालो से रायगढ़ का बाल सदन अपने नए प्रयास को साकार रूप देने में लगा हुआ है|| पहले होता ये था की 18 साल की उम्र होने पर यंहा पर रह रही बच्चियों की शादियां करा दी जाति थी| और यही हमेशा से होता रहा| लेकिन अब अब ऐसा नहीं होता|
अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिले में बेटियां पढ़ रहीं है| अनाथालय की दहलीज़ पार कर ससुराल जाने वाली बेटियां अब कॉलेज जा रहीं है| कोई सिविल जज बनना चाह रही तो कोई देश के बड़े शहरों में नौकरि कर रहीं है| बता दें की चक्रधर बाल सदन में रहनेवाली बच्चियों में से एक नें इंजीनियरिंग की और एक नें नर्सिंग की पढ़ाई पूरी कर ली है|
कुछ साल पहले ये नहीं होता था| दरअसल पुराने समय से चले आ रहे नियम को मानते हुए 18 साल की उम्र होने पर यंहा बच्चियों की शादिया करवा कर उन्हें ससुराल बिदा कर दिआ जाता था| परन्तु बदलते समय के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक किआ गया और उन प्रतिभावन बच्चियों को जिन्हे पढ़ने की आगे बढ़ने की इच्छा थी उन्हें पढ़ाया गया| सामाजिक सहयोग से बाल सदन की बच्चियों नें डिग्री हासिल की और आज अपने पैरो पर खडे होकर ये अपनी काबिलियत साबित कर रहीं है|