Rajnandgaon : राजनांदगांव नगर निगम द्वारा हाल ही में शहर के जर्जर सुलभ शौचायलयों की मरम्मत का कार्य कराया गया है, लेकिन संबंधित ठेकेदार द्वारा मरम्मत कार्य की गुणवत्ता और कार्य में लापरवाही के चलते सार्वजनिक शौचालय की मरम्मत ठीक तरीके से नहीं की गई। इसका उदाहरण जिला अस्पताल परिसर में बने सुलभ शौचालय को देखकर समझ जा सकता है।
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बताया जा रहा है कि सुलभ शौचालय का मरम्मत कार्य कुछ माह पहले ही हुआ था। बुधवार रात इस सुलभ शौचालय के ऊपर सिलिंग की प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही की इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। जिस वक्त सिलिंग का प्लास्टर गिरा वहां पर केयरटेकर सो रहे थे । सिलैब का प्लास्टर गिरने से वहां रखें सामानों को नुकसान हुआ है।
सुलभ शौचालय की मरम्मत कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले ने कहा कि कि स्वच्छता श्रृंगार योजना से नगर निगम क्षेत्र में लगभग 5 करोड रुपए की लागत से सुलभ शौचालयों का मरम्मत कार्य किया गया है । जिसमें खूब बंदरबाट किया गया है।
जिस सुलभ की सीलिंग का प्लास्टर गिरा उसकी महीने भर पहले ही मरम्मत कराई गई थी। इस हादसे में केयरटेकर यशवंत चौधरी को हल्की चोट आई है। वहीं केयरटेकर के द्वारा उपयोग में लाने वाली सामग्रियां क्षतिग्रस्त हो गई। इस मामले में नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा का कहना है कि संबंधित इंजीनियर को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि हाल ही में मरम्मत होने के बाद भी ऐसी स्थिति क्यों आई ।
लाखों रुपए मरम्मत के नाम पर खर्च करने के बाद भी सुलभ शौचायलयों की मरम्मत बेहतर नहीं हुई है। सार्वजनिक सुलभ शौचालय में लोगों का आना-जाना लगा रहता है ऐसे में इसकी मरम्मत सही तरीके से नहीं होने की चलते जान माल का खतरा भी बना हुआ है।
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