रायपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ़: पॉलीथिन के अभिशाप से धरती को मुक्ति दिलाने के अपने महत्वाकांक्षी मिशन में, ग्रीन आर्मी संस्था राजधानी के शीतला बाज़ार, पुरानी बस्ती को पॉलीथिन-मुक्त बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। 5 जुलाई, 2025 को शुरू हुए इस विशेष अभियान के तहत, आज 19 जुलाई को चलाए गए अभियान में उत्साहजनक शुरुआती रुझान देखने को मिले हैं। ग्रीन आर्मी एक माह के भीतर शीतला बाज़ार को पूरी तरह से पॉलीथिन-मुक्त करने के अपने दृढ़ संकल्प की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रही है।
ग्रीन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमिताभ दुबे ने बताया कि यह केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि एक पूर्णकालिक मिशन है, जिसके लिए संस्था की पुरानी बस्ती, ब्राह्मण पारा और बुढ़ापारा की टीमें दिन-रात समर्पित भाव से काम कर रही हैं। आगामी 5 अगस्त तक ‘मिशन मोड’ पर कार्य करते हुए, ग्रीन आर्मी ने एक विस्तृत 16-सूत्रीय कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें अब कई नए आयाम भी जुड़ गए हैं, जो इस अभियान को और गति प्रदान करेंगे।
पॉलीथिन मुक्त शीतला बाज़ार की दिशा में बढ़ते कदम
इस महाअभियान के तहत अब तक हुई प्रगति और आगामी योजनाएं इस प्रकार हैं:
1) निःशुल्क झोला वितरण केंद्र खुलने की तैयारी: शीतला बाज़ार, पुरानी बस्ती में ग्रीन आर्मी द्वारा जल्द ही एक निःशुल्क झोला वितरण केंद्र खोला जाएगा। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य पॉलीथिन का उपयोग करने वाले व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों को जागरूक करना होगा। उन्हें पॉलीथिन को जमा करने और उसके बदले में निःशुल्क कपड़े के झोले प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह पहल पॉलीथिन के सुरक्षित पुनर्चक्रण और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
2)पॉलीथिन संग्रहण केंद्र की स्थापना: शीतला बाज़ार में एक पॉलीथिन संग्रहण केंद्र स्थापित करने की भी तैयारी चल रही है। यह केंद्र न केवल निःशुल्क झोला वितरण का कार्य करेगा, बल्कि व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से पॉलीथिन इकट्ठा कर उसके सुरक्षित निपटान में भी मदद करेगा। इससे पॉलीथिन को सीधे पर्यावरण में जाने से रोकने में मदद मिलेगी और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
3)घर-घर जागरूकता का सफल अभियान: ग्रीन आर्मी की महिला विंग द्वारा 5 जुलाई, 2025 से लगातार ब्राह्मण पारा, बुढ़ापारा और पुरानी बस्ती के 5000 घरों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस दौरान पॉलीथिन के दुष्प्रभावों पर केंद्रित पंपलेट, ‘मेरा किचन पॉलीथिन मुक्त है’ स्टिकर, और कपड़े के थैलों का वितरण किया गया है, जिससे गृहणियों में पॉलीथिन छोड़ने के लिए सकारात्मक प्रेरणा मिल रही है।
4)सशक्त संदेशों के साथ दृश्य प्रचार: “पॉलीथिन मांग कर शर्मिंदा न करें” जैसे सशक्त संदेश वाले 50 बोर्ड बाज़ार और प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं, जो लोगों को पॉलीथिन के उपयोग से बचने के लिए लगातार प्रेरित कर रहे हैं।
5) शैक्षणिक संस्थानों का बढ़-चढ़कर सहयोग: आसपास के 25 स्कूलों और कॉलेजों में पॉलीथिन मुक्ति पर नियमित प्रशिक्षण सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं में चेतना जागृत हो रही है। अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती और छत्रपति शिवाजी इंग्लिश मीडियम स्कूल ने इस मुहिम में सक्रिय सहयोग दिया है, और आने वाले समय में अन्य स्कूल भी इस अभियान में शामिल होने वाले हैं।
6) धार्मिक स्थलों से पवित्र संकल्प: आगामी 7 दिनों में शीतला बाज़ार के आसपास के 25 मंदिरों में पॉलीथिन प्रतिबंधित करने हेतु ज्ञापन सौंपा जाएगा। मठाधीशों और मंदिर के पंडितों का सहयोग लेकर धर्म के माध्यम से पॉलीथिन पर पाबंदी का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जाएगा, जिससे इस मुहिम को एक व्यापक सामाजिक और नैतिक आधार मिल सके।
7)स्थायी समाधान हेतु नियमित कानूनी कार्रवाई की मांग: जुलाई माह के बाद नगर निगम को पॉलीथिन जब्ती के लिए नियमित कानूनी कार्रवाई हेतु ज्ञापन दिया जाएगा, ताकि यह अभियान केवल जागरूकता तक सीमित न रहकर एक स्थायी समाधान की ओर बढ़ सके और पॉलीथिन मुक्त वातावरण सुनिश्चित हो सके।
इन प्रयासों के साथ-साथ, ग्रीन आर्मी ‘झोला क्रांति’ के तहत 25 नई कपड़े के झोलों की दुकानें खुलवा रही है और प्रत्येक दुकानदार को शुरुआत में 25 झोले निःशुल्क दिए जा रहे हैं। स्कूली विद्यार्थियों के लिए ड्राइंग, स्लोगन और भाषण प्रतियोगिताएं (“पॉलीथिन जहर है, समाज पर कहर है”) भी आयोजित की जा रही हैं, जो बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ा रही हैं।