छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग में लागू की गई ‘‘ई‘‘ श्रेणी पंजीयन प्रणाली को अब राज्य शासन के सभी निर्माण विभागों, निकायों, मण्डलों और बोर्ड आदि में भी लागू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य में एकीकृत ‘‘ई‘‘ श्रेणी पंजीयन प्रणाली लागू की गई है। ‘‘ई‘‘ श्रेणी पंजीयन के माध्यम से स्थानीय बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु 20 लाख रूपए तक की लागत के एकल कार्य ब्लाक स्तर पर सीमित निविदा के माध्यम से प्रदाय किए जाने का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्यों के अनुबंध में 20 लाख रूपए से अधिक लागत के कार्यों में डिप्लोमा इंजीनियर तथा एक करोड़ से अधिक के कार्यों में स्नातक इंजीनियर नियुक्ति किए जाने का प्रावधान अनिवार्य किया गया है। डिप्लोमा इंजीनियर को 15 हजार रूपए प्रति माह तथा स्नातक इंजीनियर को 25 हजार न्यूनतम प्रति माह भुगतान का भी प्रावधान किया गया है। निविदा अनुबंध में इंजीनियरों की नियुक्ति की अनिवार्यता किए जाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार इंजीनियरों को रोजगार प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि लोक निर्माण विभाग के उक्त दो निर्णयों का सभी निर्माण विभागों, निकायों, मण्डलों, बोर्ड इत्यादि में भी पालन अनिवार्यतः करने के निर्देश जारी किए जाएं ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिल सके।