केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत को चीन से आयात करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने निर्यात बढ़ाने और देश को आत्मनिर्भरता हासिल करने में सहयोग करने को लेकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उपक्रमों की भूमिका का जिक्र करते हुए ये बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत बहुत सारे सामानों का आयात करने के बजाय निर्यात कर रहा है। ऐसे में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) के पास अपनी क्षमता बढ़ाने और देश से निर्यात को प्रोत्साहन देने का अवसर है।
‘हम टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं, लागत को घटा रहे हैं’
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने कहा, ‘वाहन और कृषि जैसे कई अन्य सेक्टर में भी, हम हर जगह पहले ही समाधान प्राप्त कर चुके हैं। अब हमें चीन से आयात करने की जरूरत नहीं है। इसलिए मैं चीन या किसी अन्य देश के बारे में कोई बात नहीं करना चाहूंगा। हर देश की अपनी नीति होती है। जहां तक भारतीय नीतियों का सवाल है, हम प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं, लागत को घटा रहे हैं और अच्छी गुणवत्ता के प्रोडक्ट बना रहे हैं। हमारी शक्ति युवा प्रतिभावान श्रमबल है, जो यहां उपलब्ध है।’
अभी ज्यादातर देश चीन के साथ काम करना नहीं चाहते’
नितिन गडकरी ने कहा कि इसके साथ-साथ हमारे आईआईटी, इंजीनियरिंग कॉलेज और शोध केंद्र काफी नई खोज कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जाहिर किया कि यह भारत को पूरी दुनिया की जरूरतें पूरा करने में मदद करेगा। अभी ज्यादातर देश चीन के साथ काम करना नहीं चाहते हैं। वे इसके बजाय भारत में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मंत्री ने इस बात का भी भरोसा जाहिर किया कि भारत को कोविड-19 का टीका ‘जितना जल्दी संभव है’ मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम महामारी को नियंत्रित कर लेंगे और ‘आर्थिक युद्ध’ में जीत हासिल करेंगे।
‘हम शत-प्रतिशत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे’
गडकरी ने सोमवार को डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के एक ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमें वैक्सीन जल्द से जल्द मिल जाएगी। शत-प्रतिशत हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे और साथ ही आर्थिक युद्ध में भी विजय हासिल करेंगे।’ उन्होंने बताया कि केंद्र और कंपनियों के लिए घोषित बिना गारंटी वाले तीन लाख करोड़ रुपये के लोन में से 1.48 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। हमने चीन से अपना आयात घटाया है। निर्यात भी बढ़ रहा है। अभी तक का रुख सकारात्मक है और मुझे इस सेक्टर में अच्छे नतीजों की उम्मीद है।’
‘आर्थिक संकट के बावजूद एमएसएमई क्षेत्र अच्छा काम कर रहा’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्थिक संकट के बावजूद एमएसएमई क्षेत्र अच्छा काम कर रहा है। इस योजना के तहत एमएसमएई इकाइयां, कारोबारी उपक्रम, कारोबार के उद्देश्य से पर्सनल लोन और मुद्रा लोन लेने वाले कर्ज ले सकते हैं। एमएसएमई क्षेत्र के लिए योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा, ‘हमने उनके लिए 93 योजनाएं मंजूर की हैं। करीब 100 योजनाएं पाइपलाइन में हैं। हम इन योजनाओं को भी जल्द लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल जैसे उत्पादों के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गडकरी ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों मसलन आईआईटी और एनआईआईटी के साथ मिलकर विशिष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग का मौजूदा वार्षिक कारोबार 80,000 करोड़ रुपये का है। इसे अगले दो साल में बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने की योजना है।