भारतीय लोकतंत्र और प्रजातंत्र की खूबसूरती इन आधारों पर टिकी है कि, हमे भारत के संविधान ने मौलिक अधिकार दिये हैं। जनता से चुनी हुई सत्तारूढ़ दल का दायित्व होता है कि वे अपने देश के नागरिक की मौलिक अधिकारों की रक्षा करें, मगर केंद्र की भाजपा मोदी सरकार ने #COVID19 रोकथाम के नाम पर बनाये गये आरोग्य सेतु एप निजता के अधिकारों का हनन करता है।
छत्तीशगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने केंद्र की भाजपा मोदी सरकार पर आरोग्य सेतु एप से भारत की जनता पर उत्पन्न खतरे की आशंका को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि, आरोग्य सेतू एप में निजता के उल्लंघन के गंभीर मुद्दे हैं।हम सब जानते हैं कि, भारत में निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है, जैसा सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है, आरोग्य सेतू एप के बारे में कल एक एथिकल हैकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया कि किस प्रकार से इसमें “निजता के अधिकार” के उल्लंघन का मुद्दा है, जिसे आईसीसी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने भी उठाया था और वे सही थे, उन्होंने पुनः ट्वीट कर ये बताया कि भारत सरकार की जो कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पोंस टीम है, जो सर्ड या सीईआरडी कहते हैं, उन्होंने उन तथ्यों के बारे में उनसे जानकारी ली; ये अपने आपमें सबूत है कि आरोग्य सेतू एप निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने बताया कि, इस संदर्भ में पांच छोटी-छोटी परंतु महत्वपूर्ण बातें हैं।
पहला -:आरोग्य सेतू एप हर व्यक्ति का 24/7 सर्विलेंस करेगी यानि आप किससे मिलते हैं, कहाँ जाते हैं और किस व्यक्ति से कितनी देर मुलाकात करते हैं, ये एप रिकोर्ड करेगी। तो ये तो ऐसा ही हुआ कि एक जासूस कैमरा आपके सिर पर लगा दिया गया हो।
दूसरा -:ये जो आरोग्य सेतू एप है, इसका निर्माण निजी क्षेत्र में किया गया है, सरकारी क्षेत्र में नहीं हुआ। वो गोईबीबो और मेक माय ट्रिप के फाउंडर द्वारा किया गया। हम सब जानते हैं कि वो गोईबीबो और मेक माय ट्रिप की 40 प्रतिशत मलकियत चीनी है और इसका जो बैकेंड ऑपरेशन है, वो भी प्राईवेट हाथों में है तो ऐसे में व्यक्ति की निजता को किस प्रकार से उल्लंघन नहीं होगा, ये कौन सुनिश्चित करेगा।
तीसरा -:इस एप में बैकेंड पर ह्यूमन इंटर फेस है, यानि अगर आप असुविधाजनक हैं, तो कई शरारतपूर्ण तरीके से आपको रेड मार्क कर सकता है। अगर कोई पत्रकार या कोई और व्यक्ति असुविधाजनक होया सरकार से सवाल पूछता होऔर अगर उसे रेड मार्क कर दिया गया, तो उसके बाद ना आप बस या ट्रेन में चढ़ सकते हैं, ना आप सफर कर सकते, ना बॉर्डर क्रोस कर सकते हैं।एक तरह से आप बंधक बन जाएंगे, क्वारेंटांइन हो जाएंगे।
चौथा -: ये क्लाउड सर्वर में जहाँ डेटा इक्कट्ठा होगा, ये कहाँ है, ये भारत सरकार नहीं बता रही, ये चीन में है, कोरिया में है, जापान में है या भारत में है?
पांचवा -: महत्वपूर्ण, हमारी फौज ने इस प्रकार की एप पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा बनाकर हमारी फौजियों का डेटा चुराने के बारे हमारी फौज के अधिकारियों को आगाह किया है, इन बातों का कोई जवाब आजतक भारत सरकार ने नहीं दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने आरोग्य सेतु एप की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि, आरोग्यसेतु से यह जानकारी हैकरों तक पंहुच रही है। सारा डेटा चुराने जानकारियां सरकार तक पंहुचाने का खेल मात्र है। आरोग्य सेतु एप जब थर्ड पार्टी आरोग्य सेतु को हैक कर ले रही है तो यह डाटा तो देश के दुश्मनों तक भी पहुंचने में देर नहीं लगेगी, एक हैकर ने आरोग्य सेतु को हैक करके यह जानकारी प्राप्त कर ली कि, पीएम ऑफिस में देश की संसद में और सेना में कितने लोगों को करोना है। आरोग्य सेतु एप में तो यह भी जानकारी है कि डाउनलोड करने वाला कहां कहां गया। सेना, संसद, प्रधानमंत्री कार्यालय की यह जानकारियां दुश्मन देशों तक पहुंचेंगे तो क्या होगा?
कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, जिन मजदूरों को खाने के राशन के लाले पड़े हुए हैं रहने के लिए जगह नहीं है मोबाइल और मोबाइल चार्जिंग की कोई व्यवस्था नहीं है उन्हें आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करने के लिए कहना जले पर नमक छिड़कने की तरह है।