नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के साथ साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के प्रयास दोहरी चुनौती है। नौसेना एक साथ इन दोनों चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। चीन के साथ जारी संघर्ष में नौसेना की भूमिका पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना की गतिविधियां भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ निकट समन्वय और तालमेल में है।
नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की चुनौती से निपटने के लिए नौसेना के पास मानक संचालन प्रक्रिया है। प्रस्तावित समुद्री थिएटर कमान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसपर काम चल रहा है और कुछ समय बाद इसका आकार सामने आएगा।
We have an SOP to tackle the situation if there is an infringement (by Chinese research vessels): Navy Chief Admiral Karambir Singh https://t.co/XX35f5LnZV
— ANI (@ANI) December 3, 2020
एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि लीज पर लिए गए 2 प्रीडेटर ड्रोन हमारी निगरानी क्षमता में अंतर को पूरा करने में हमारी मदद कर रहे हैं। इसकी वजह से हमारी निगरानी क्षमता बढ़कर 24 घंटे हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर सेना और वायुसेना को पूर्वोत्तर मके लिए ड्रोन की आवश्यकता महसूस होती है, तो हम इस पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने थल सेना और भारतीय वायु सेना की आवश्यकता के हिसाब से विभिन्न स्थानों पर पी-8 आई विमान तैनात किए हैं। इसके अलावा, हमने उत्तरी सीमाओं पर हेरोन निगरानी ड्रोन तैनात किए हैं। नौसेना प्रमुख ने बताया कि फिलहाल तीन चीनी युद्धपोत हिंद महासागर क्षेत्र में हैं। चीन ने साल 2008 से ही अपने तीन जहाजों को गश्त के लिए इलके में बनाए रखे है।
नेवी चीफ ने बताया कि भारतीय नौसेना ड्रोन हमलों से निपटने के लिए ड्रोन विरोधी उपकरण स्मैश -2000 खरीद रही है। उन्होंने कहा कि तीनों सेवाओं के लिए 30 प्रीडेटर ड्रोन का अधिग्रहण जारी है और वे ड्रोन अधिक सक्षम होंगे।