आजाद भारत के इतिहास में 13 दिसंबर 2001 एक काला इतिहास के तौर पर बीते 19 सालों से याद किया जा रहा है। आज ही के दिन भारत के संसद पर लोकतंत्र की हत्या के इरादे से घुसे आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार की थी। उनके इरादे नापाक थे, लेकिन भारतीय जवानों के हौसले के सामने बौने साबित हुए। उस आतंकी हमले में संसद की सुरक्षा में तैनात 9 पुलिस जवान और संसदकर्मी शहीद हो गए थे। आज 19 साल बाद भी भारत उस जख्म को नहीं भूल पाया है।
संसद हमले की आज 19वीं बरसी के मौके पर पीेएम नरेंद्र मोदी ने शहीद हुए जवानों को याद किया। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि हम कायरता के उस हमले को कभी नहीं भूलेंगे। आज से 19 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को कुछ आतंकवादियों ने संसद पर हमला कर दिया था। आज उस हमले की बरसी मनाई जा रही है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चैहान ने याद किया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि हम 2001 में आज के दिन अपनी संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेंगे। हम उन लोगों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा। वहीं शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि प्रजातंत्र की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की है। गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि 19 साल पहले लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूं।
We will never forget the cowardly attack on our Parliament on this day in 2001. We recall the valour and sacrifice of those who lost their lives protecting our Parliament. India will always be thankful to them.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2020
13 दिसंबर 2001 संसद हमले का इतिहास 13 दिसंबर को ही पांच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला कर दिया था। 45 मिनट तक बंदूक की लड़ाई के दौरान 9 पुलिसकर्मी और संसद कर्मचारी मारे गए थे। ये सभी आतंकवादी कमांडो की ड्रेस पहनकर संसद भवन में इंट्री कर कर गए थे। ये सभी वीआईपी गेट से होते हुए मंत्रालय के स्टीकर लेकर संसद में दाखिल हुए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया।