अब एयरपोर्ट, ट्रेन और क्रूज में भी बार खुलने का रास्ता साफ हो गया है। नई नियमावली के अनुसार एयरपोर्ट के लाउन्ज और स्पेशन ट्रेनों के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रूज में भी बार खोले जा सकेंगे। इनके लिए लाइसेंस देने के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है। सरकार ने लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए प्रदेश के बार और क्लब लाइसेंस की जियो टैगिंग कराते हुए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है। इसके लिए यूपी सरकार ने बार लाइसेंस नियमावली 2020 को हरी झंडी दिखा दी है।
उत्तर प्रदेश की नई बार लाइसेंस नियमावली-2020 में लाइसेंस की प्रक्रिया कई मायनों में सरल की गई है। इसके तहत शासन स्तर से अनुमोदन और कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति की आवश्यकता को समाप्त कर डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति को संस्तुति और आबकारी आयुक्त को स्वीकृति देने का अधिकार दे दिया गया है।
ये हैं नियम
यदि कोई जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के निर्णय से असंतुष्ट है तो कमिश्नर के यहां अपील कर सकता है। नई नियमावली के अनुसार ट्रांजेक्शन स्टारों की संख्या 28 से घटकर नौ रह जाएगी। इससे जहां लाइसेंस प्रक्रिया आसान होगी वहीं सरकार को राजस्व का लाभ भी होगा।
लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय रेस्टोरेंट के संचालन की अनिवार्यता थी। उसे भी खत्म कर दिया गया है। अब आबकारी आयुक्त के अनुमोदन के बाद लाइसेंस की फीस जमा करने के समय तक रेस्टोरेंट संचालन अनिवार्य किया गया है। बार लाइसेंस के लिये परिसर का न्यूनतम कुर्सी क्षेत्रफल 200 वर्गमीटर और न्यूनतम लोगों के बैठने की अनिवार्यता रखी गई है। पहले बार लाइसेंस के लिये पार्किंग की अनिवार्यता थी। अब उसे भी खत्म कर दिया गया है। 500 मीटर के अंदर निजी या वैलेट पार्किंग और वॉशरूम की व्यवस्था का प्रावधान कर किया गया है।
नई नियमावली के तहत किसी विशेष आयोजन पर समारोह बार लाइसेंस पूर्वान्ह 8 बजे रात से 12 बजे तक निरंतर 6 घंटे की अवधि के लिये आँनलाइन जारी किये जाएंगे। अतिरिक्त लाइसेंस फीस देकर इसे लाइसेंस अधिकारी के पूर्व अनुमोदन से रात एक बजे तक किया जा सकता है। नियमावली में यह भी प्रावधान है कि यदि शराब की बिक्री बढाने के लिये मदिरापान की प्रतियोगिता जैसी चीजें हुईं तो पहली बार 25 हजार, दूसरी बार 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा और तीसरी बार लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।