राजस्थान सरकार में करीब 12 साल तक चीफ पायलट रहे केसरी सिंह ने कहा कि अगस्ता हेलीकाप्टर की लीज छह महीने बढ़ाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। तत्कालीन सचिव सामान्य प्रशासन ने प्रीतम बी यशवंत ने मेरी बलि ले ली है। नोटशीट पर मैंने स्पष्ट लिखा था कि छह महीने में सेवा बढ़ाने से पहले सक्षम स्तर पर अनुमति ले ली जाए, लेकिन उन्होंने नहीं लिया। सीएम अशोक गहलोत के बजाय खुद के स्तर पर ही अगस्ता की सेवा बढ़ा दी थी। दूसरी ओ प्रीतम बी यशवंत का कहना है कि इस मामले में मुझे कुछ भी नहीं कहना है।
एक हेलीकाप्टर की लीज अवधि समाप्त हो गई थी, जिसे बढ़ाने का प्रस्ताव चीफ पायलट केसरी सिंह ने तत्कालीन सचिव सामान्य प्रशासन प्रीतम बी यशवंत को भेजा था। सूत्रों का कहना है कि यशवंत ने अपने स्तर पर ही लीज अवधि बढ़ा दी थी, जबकि इसकी फाइल सीएम अशोक गहलोत तक जानी चाहिए था। यह मामला जब सीएम अशोक गहलोत के संज्ञान में आया तो इस पर वह सख्त नाराज गए।
प्रीतम बी यशवंत को आननफानन में हटाकर विभागीय जांच आयुक्त के पद पर लगाया गया। उसके दो दिन बाद चीफ पायलट केसरी सिंह का अनुबंध भी सरकार ने खत्म कर दिया। केसरी सिंह के पास 2015 से ही सिविल एविएशन विभाग के निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार था। हालांकि वे विभाग में कांट्रेक्ट पर थे, जिसको लेकर भी पहले से सवाल खड़े किए जाते रहे हैं।