मुंबई। अपने लाजवाब डांस और डॉयलाग बोलने वाले बॉलीवुड के हीरो नंबर 1 एक्टर गोविंदा का आज 58वां बर्थडे है. बॉलीवुड में लगभग 30 साल काम कर चुके गोविंदा की पहचान हंसाने के साथ-साथ उनके डांस के लिए भी है. उन्होंने अपनी डांसिग स्टाइल और कॉमेडी से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई. 21 दिसंबर 1963 को मुंंबई में जन्मे गोविंदा फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे. बचपन से ही गोविंदा एक्टर बनने का ख्वाब देखा करते थे.
गोविंदा ने फिल्मी करियर की शुरुआत 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘इल्जाम’ से की. इस फिल्म का गाना ‘स्ट्रीट डांसर’ बहुत लोकप्रिय हुआ. इसके बाद गोविंदा की छवि एक डांसिग स्टार की बन गयी और फिल्मकारों ने उनकी इस इमेज को जमकर अपनी फिल्मों में भुनाया.
तुलना करके हम किसी की भी प्रतिभा का आंकलन कर लेते हैं लेकिन गोविंदा उन कलाकारों में से हैं जिनकी तुलना संभव ही नहीं है. डांस में गोविंदा की तुलना आप मिथुन दा से करते हैं लेकिन डायलॉग डिलेवरी में मिथुन दा तालाब हैं और गोविंदा लहराती नदी. आज भले ही बॉलीवुड ने गोविंदा को किनारे कर दिया हो और उनकी फिल्मों का मज़ाक बनाया जाता हो, लेकिन एक ज़माना था जब उत्तर भारत के हर घर में आपको थोड़ा सा गोविंदा मिल जाता.
लोग गोविंदा को कॉपी करते थे उनके जैसा दिखने की, बोलने की और डांस करने की कोशिश करते थे. सीडी और डीवीडी के पहले वीसीआर पर फिल्म देखी जाती थी. वीसीआर में जब फिल्म ‘स्वर्ग’ लगती तो पूरा गांव रोता था. बुजुर्ग राजेश खन्ना पर तरस खाते तो लड़के खुद को राजू मान किसी मजबूर सेठ की मदद को मुंबई जाने की योजना बनाने लगते.
गोविंदा महिलाओं के बीच बहुत फेमस थे. गांवों में तब सीरियल नहीं पहुंचे थे, लेकिन महिलाओं के बीच कादर खान और गोविंदा की नोक-झोंक चर्चा का केन्द्र हुआ करती थी. यही नहीं लोग गोविंदा को करिश्मा कपूर के साथ इतना देख चुके थे कि दोनों को पति-पत्नी मानने लगे थे.
गोविंदा शायद पहले बॉलिवुड कलाकार थे जिन्होंने जिब्रिश का बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया. डायलॉग्स के साथ गोविंदा की सहजता उन्हें बाकी कलाकारों से अलग करती है. उधर कादर खान अपनी बुलंद आवाज़ में ललकारते इधर गोविंदा जिब्रिश बोलकर मैदान मार ले जाते. गोविंदा की कॉमिक टाइमिंग इतनी ज़बरदस्त होती थी कि कई बार शक्ति कपूर सरीखे ऐक्टर भी उनके सामने हल्के लगते थे.
अगर आप कोई सीन देख रहे हैं जिसमें गोविंदा हैं, तो आप अपनी निगाहें गोविंदा से हटा नहीं सकते हैं क्योंकि इनकी एनर्जी का लेवल बाकी कलाकारों से कहीं ज़्यादा हुआ करता है. यही कारण है कि सलमान खान जैसा पापुलर स्टार शर्ट उतारकर चल रहा हो और गोविंदा पहनकर तब भी आप गोविंदा को ही देखेंगे. क्योंकि गोविंदा कुछ नहीं करके भी बहुत कुछ कर रहे होते हैं.
एक समय ऐसा आ गया था कि गोविंदा जो कुछ भी करते थे दर्शकों को पसंद आता था. एक ही तरह की स्टोरी लाइन पर भी कई हिट फिल्में सिर्फ गोविंदा ही दे सकते हैं. गोविंदा ने बॉलिवुड को बहुत कुछ दिया. अलग और अनोखा दिया, समय बदला और कई कलाकार आए लेकिन गोविंदा की जो जगह छूटी वो अब तक खाली है और उसे अब शायद खुद गोविंदा भी नहीं भर सकते हैं.