रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में गांजा तस्करी, कस्टम मिलिंग के बाद अब किसानों के आत्महत्या को लेकर पक्ष और सत्ता पक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। विपक्ष ने किसानों की आत्महत्या मामले में स्थगन प्रस्ताव लगाया है। वहीं सरकार से मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष बलरामपुर के जिस किसान को मृतक बता रहे हैं वो जिंदा है। हमारे विधायक बृहस्पत सिंह इसकी जानकारी दे रहे हैं। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्षी सदस्यों से माफी मांगने की मांग को लेकर सदन में नारेबाजी की। वहीं विपक्षी सदस्य भी किसानों की आत्महत्या को लेकर नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों का जमकर नारेबाजी और शोरशराबा होने के बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले किसानों के आत्महत्या के मुद्दे पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि दो दिन पहले इस मुद्दे पर चर्चा की व्यवस्था दी थी पर वे भाग गए। इस दौरान मंत्री ने भाजपा शासन में हुए किसानों की आत्महत्या का मामला उठाया। मंत्री के जवाब सुनने के बाद विपक्षों सदस्यों ने गलत बयानबाजी का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मामले में मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम सरकार का पक्ष रखा। भाजपा के शिवरतन शर्मा ने कहा कि चूंकि ये कई विभाग का मामला है इसलिए CM को इसका जवाब देना चाहिए। मंत्री ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि विपक्ष के सारे आरोप बेबुनियाद है।
शिवरतन शर्मा ने कहा- हमने नहीं कहा किसान ने खुदकुशी की है..
किसानों की खुदकुशी के मामले में लाए गए स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया जाए या नहीं इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि हमने नहीं कहा है कि बलरामपुर के किसान संजय सिंह ने खुदकुशी की है। विपक्षी सदस्यों ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए खेद व्यक्त करने की मांग की। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। सभापति ने मामले को संभालते हुए निर्देशित किया। कहा कि इस मामले में किसी को माफी मांगने की जरूरत नहीं।