आंध्रप्रदेश के पोलावरम बाँध से आंध्र छत्तीसगढ सीमा प्रभावित होगी। सरकार ने एक प्रश्न के जवाब में यह स्वीकारा है कि,इस बाँध से सुकमा ज़िले के कोंटा मुख्यालय समेत 9 गांव प्रभावित होंगे।सरकार ने यह माना है कि प्रभावित क्षेत्रों को लेकर अध्ययन रिपोर्ट तैयार की गई है,लेकिन मसला न्यायालय में विचाराधीन होने की वजह से उस अध्ययन रिपोर्ट को सार्वजनिक नही किया जा सकता।
सदस्य रेणु अजीत जोगी ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से आंध्र में निर्माणाधीन पोलावरम बाँध से बस्तर के प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों की जानकारी माँगी थी।तारांकित प्रश्न में प्रभावित क्षेत्र, क्षेत्र में निवासरत जनसंख्या के साथ साथ यह पूछा गया था कि प्रभावितों को नुकसान से बचाने सरकार क्या क़दम उठा रही है।तारांकित प्रश्न में यह जानकारी भी चाही गई थी कि, डूब को लेकर प्रभावित क्षेत्रों की यदि कोई अध्ययन रिपोर्ट तैयार की गई है, तो उसमें किन बातों को प्रमुखता से उजागर किया गया है।
विधानसभा में सरकार की ओर से प्रस्तुत जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जानकारी दी है “पोलावरम बाँध के निर्माण की वजह से रेड्यूस लेबल 150 फ़ीट पर बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के कोंटा विकासखंड के 9 ग्राम क्रमश: बंजामगुड़ा,मेटागुड़ा,पेदाकिसोली, आसीरगुड़ा, इंजरम, फंदीगुड़ा, ढोंढरा, कोंटा और वेंकटपुरम के प्रभावित होने का अनुमान है। इन क्षेत्रों में निवासरत जनसंख्या 18510 है।राज्य शासन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ राज्य के हितों की सुरक्षा हेतु याचिका प्रस्तुत की गई है, जो विचाराधीन है,अंत: अध्ययन रिपोर्ट के तथ्यों को बताया जाना उचित नही है”