कोरिया। कोरिया जिले के घुटरीटोला बैरियर पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संवेदनहीनता से एक बुजुर्ग ने आज कार में ही तड़पते हुए दम तोड़ दिया। पराकाष्ठा तो यह कि डेढ़ घंटे तक बुजुर्ग के परिवार वाले बैरियर पर तैनात सरकारी अमले से मिन्नतें करता रहा। लेकिन, किसी ने एक न सुनी। उधर, घटना के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए कोरिया के अफसरों ने बयान जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए एंबुलेंस का इंतजाम कर शव घर भिजवाया गया।
जानकारी के मुताबिक राकेश मिश्रा और नीलेश मिश्रा एसईसीएल कर्मचारी हैं। वे अपने 78 वर्षीय बीमार पिता का इलाज कराने उमरिया से अपोलो अस्पताल बिलासपुर जा रहे थे। उनके पास बिलासपुर जाने के लिए व्हीकल पास भी था। लेकिन, रास्ते में पिता को सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो उन्होंने सोचा कि मनेंद्रगढ़ में एसईसीएल का अस्पताल है, इमरजेंसी उपचार के लिए वहीं भर्ती करा दिया जाए। इसलिए वे बिलासपुर की बजाए मनेंद्रगढ़ का रोड पकड़े। लेकिन, जैसे ही वे कोरिया के घुमरीटोला बैरियर पर पहुंचे तो वहां तैनात अमले ने लाख प्रयास के बाद भी कोरिया जिले में घुसने से रोक दिया। जबकि, दोनों भाइयों ने बिलासपुर का पास भी दिखाया और बताया कि उनके पिता की स्थिति गंभीर हो गई है। उमरिया ग्रीन जोन में है, इसके बाद भी बैरियर पर तैनात प्रशासनिक और पुलिस अमला टस-से-मस नहीं हुआ।
परिजन बिलखते रहे.. गुहार लगाते रहे.. पर अमानवीयता की पराकाष्ठा करते हुए मौजूद अमले ने प्रवेश की अनुमति नही दी। नाके का अमला उन्हें उमरिया से बिलासपुर का रास्ता बताते हुए जाने को बोल गया और परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर की गुहार लगाते रहे। गाड़ी में बैठे 78 वर्षीय केशव मिश्रा ने तड़पते हुए गाड़ी में ही दम तोड़ दिया।